Inquiry Committee जांच कमेटी पहले उसे बिंदुवार नोट कर रही है। इसके बाद उसमें मौजूद जांच सदस्यों से हस्ताक्षर लिया जा रहा है। जांच में एमआईसी सदस्य भी शामिल है। जांच टीम ने ठेका एजेेंसी के काम में एक बड़ी गड़बड़ी पकड़ी है। जांच टीम ने देखा कि एजेंसी को हर दिन कुल 1800 से अधिक श्रमिक देना है। परीक्षण में पाया गया कि किसी माह भी इतने श्रमिक काम पर नहीं आए हैं। करीब 200 श्रमिक हर माह कम आए हैं। हर माह तीन करोड़ की सफाई के लिए एजेंसी को काम दिया गया था। लेबर कम होने से बड़ी गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं।
Gang of 50 missing जांच में यह भी स्पष्ट हो रहा है कि हर जोन में 50-50 का गैंग लगाए जाने की बात कही जा रही थी। उस गैंग का लिस्ट में कोई अतापता नहीं है। इस बात को लेकर सदन में भी जमकर हंगामा हुआ था। अब जांच में भी देखा जा रहा है। यह सबकुछ एमआईसी सदस्य भी देख रहे हैं।
जांच में यह भी देखने को मिला कि ईएसआई और पीएफ में बड़ा अंतर है। दोनों में कर्मियों की संख्या हर माह अलग-अलग है। इसके बाद भी निगम ठेका एजेेंसी को वेतन का भुगतान कर रहा था। नियम से तमाम श्रमिकों के खातों में पीएफ की राशि पहुंच रही है या नहीं यह जांच करना है। इसी तरह से ईएसआई की भी जांच की जानी है।
जांच में यह भी देखने को मिला कि ईएसआई और पीएफ में बड़ा अंतर है। दोनों में कर्मियों की संख्या हर माह अलग-अलग है। इसके बाद भी निगम ठेका एजेेंसी को वेतन का भुगतान कर रहा था। नियम से तमाम श्रमिकों के खातों में पीएफ की राशि पहुंच रही है या नहीं यह जांच करना है। इसी तरह से ईएसआई की भी जांच की जानी है।
सदन में पार्षदों ने मांग किया था कि सफाई का पिछला जो काम हुआ है, उसकी जांच की जाए। इस पर जांच टीम गठित की गई, इसमें Committee Members महेश वर्मा, दया सिंह, संतोष मौर्या, विनोद सिंह, जालंधर सिंह, संजय सिंह, पीयूष मिश्रा, नोहर वर्मा, स्मिता दोड़के, बी सुजाता, एमआईसी सदस्य लक्ष्मीपति राजू, अब्दुल मन्नान, लालचंद वर्मा, साकेत चंद्राकर, हरिओम तिवारी, संदीप निरंकारी, नेहा साहू, आदित्य सिंह, प्रमोद सिंह (सांसद प्रतिनिधि), शैलेंद्र सिंह (विधायक प्रतिनिधि), नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा शामिल हैं। यह टीम जांच कर रही है। https://www.patrika.com/exclusive/watch-video-kaushal-yadav-entered-the-bunker-and-single-handedly-killed-5-intruders-18869492
Published on:
26 Jul 2024 09:14 pm