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सेंट्रल म्यूजियम को इंदौर म्यूजियम भी कहा जाता है। यहां आपको इंदौर शहर के पुरानी चीजें संग्रहित मिलेंगी ही। इंदौर शहर की विरासत को बरकरार रखता है। इस संग्रहालय को केंद्रीय संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। इंदौर शहर की सभ्यता के बारे में आप जो भी जानना चाहते हैं उससे जुड़ी यहां हर चीज और जानकारी आसानी से उपलब्ध रहेगी। इन जानाकारी से आप इंदौर की संस्कृति और परंपरा की जड़ों को जान पाएंगे। कैसे यहां की समृद्ध सभ्यता का विकास हुआ कैसे इंदौर शहर बसा, यहां आपको आपके शहर से जुड़े हर सवाल का जवाब आसानी से मिल जाएगा। इस संग्रहालय में परमार मूर्तियों का खजाना देखने को मिलता है। जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि परमार मूर्तियों की उत्पत्ति इंदौर में ही हुई थी। इसकी मुख्य विशेषताएं अनुपातिक आंकड़े, जटिल अलंकरण और पत्थर में चित्रण शामिल हैं। यहां पर आपको समृद्ध और विविध हिंदू और जैन धर्म की कई मूर्तियां भी देखने को मिलेंगी। इस संग्रहालय में प्रागैतिहासिक काल की कलाकृतियों, सिक्कों का संग्रह, हथियार, पौराणिक नक्काशियों आदि का काफी अच्छा संग्रह किया गया है। हिंगलाजगढ़ में 11 वीं-12 वीं शताब्दी के मंदिरों के खंडहर से उन्हें एकत्र किया गया है। वे आमतौर पर हरिहर, शिव और पार्वती को नंदी पर बैठे हुए पार्वती और एक क्षतिग्रस्त चामुंडा को दर्शाते हैं। संग्रहालय में संरक्षित वास्तुशिल्प अवशेषों में, सबसे उल्लेखनीय एक द्वार-चौड़ाई है, जिसमें बड़े पैमाने पर आंकड़े और अलंकरण शामिल हैं। संग्रहालय में आकर आप इंदौर के इतिहास से भली-भांति परिचित हो सकेंगे। यहां आकर पर्यटक इंदौर की समृद्ध विरासत को देख व महसूस कर सकते है।

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