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Mandi News: मूंगफली से महकी कृषि मंडी, 5000 बोरी की आवक के साथ लौटी रौनक

किसानों की मेहनत और मौसम की मेहरबानी से मूंगफली की बड़ी आवक के साथ शुक्रवार को मंडी गुलजार हो उठी।

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टोंक

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Anil Prajapat

Oct 25, 2025

Niwai Agricultural Produce Market

मुहूर्त से शुरू हुई नीलामी मंडी परिसर में भगवान लक्ष्मीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया गया। व्यापार मंडल संघ अध्यक्ष ओमप्रकाश चंवरिया ने नारियल फोड़कर पहली बोली लगाई। इस दौरान मंडी में जयकारों की गूंज सुनाई दी और पूरे परिसर में उत्सव जैसा माहौल रहा।

टोंक। बरसात के बाद निवाई कृषि उपज मंडी में रौनक लौट आई। किसानों की मेहनत और मौसम की मेहरबानी से मूंगफली की बड़ी आवक के साथ शुक्रवार को मंडी गुलजार हो उठी। करीब 5000 बोरी मूंगफली की आवक दर्ज की गई, जिससे मंडी परिसर में सुबह से ही खरीदारों की भीड़ लग गई। किसानों की चहल-पहल और व्यापारियों के उत्साह ने लंबे समय बाद मंडी को जीवंत बना दिया।

व्यापारी पवन पारीक, दीपक गुप्ता, सुनील अग्रवाल, राजेश नाटाणी और रोहित टोडवाल ने बताया कि हर साल खरीफ सीजन की पहली बोली शुभ मुहूर्त देखकर लगाई जाती है। यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि व्यापारिक आस्था का प्रतीक है। हालांकि व्यापारियों के अनुसार इस बार मूंगफली में दाना कम और क्वालिटी कमजोर रही। पिछले वर्ष की तुलना में उपज में कमी दर्ज की गई है। किसानों ने बताया कि बारिश के बाद फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ा है।

मंडी में तेल मिल मालिकों की सक्रियता विशेष रूप से देखने को मिली। उन्होंने मूंगफली की गुणवत्ता के आधार पर बड़ी मात्रा में खरीदारी की। हालांकि, गुणवत्ता कमजोर होने के कारण इस बार तेल की रिकवरी कम रहने की संभावना जताई जा रही है।

मुहूर्त से शुरू हुई नीलामी

मंडी परिसर में भगवान लक्ष्मीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया गया। व्यापार मंडल संघ अध्यक्ष ओमप्रकाश चंवरिया ने नारियल फोड़कर पहली बोली लगाई। इस दौरान मंडी में जयकारों की गूंज सुनाई दी और पूरे परिसर में उत्सव जैसा माहौल रहा।

किसानों की जेबें नहीं भरीं, चिंता बढ़ी

मूंगफली की कीमत उम्मीद से कम मिलने से किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई रही। औसतन हर किसान को 40 से 50 प्रतिशत तक का नुकसान झेलना पड़ा है। बारिश ने फसल की गुणवत्ता पर असर डाला।

स्थानीय प्रशासन ने बढ़ाई व्यवस्थाएं

मूंगफली की बढ़ती आवक को देखते हुए प्रशासन ने परिसर में सफाई व्यवस्था और सुरक्षा पर ध्यान दिया। किसानों की सुविधा के लिए अलग-अलग शेड तैयार करवाए गए हैं ताकि बारिश या धूप से परेशानी न हो।

आर्थिक स्थिति पर सीधा असर

मिट्टी में नमी और जलभराव के कारण इस बार प्रदेश की श्रेष्ठ मानी जाने वाली मूंगफली की फसल प्रभावित हुई है। किसानों की आर्थिक स्थिति पर इसका सीधा असर पड़ा है। कई किसान मंडी में फसल बेचने के बाद भी चिंता में डूबे नजर आए।

वाहनों का जमावड़ा और बढ़ी चहल-पहल

मंडी परिसर में शुक्रवार सुबह से ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की लंबी कतारें लगी रहीं। कई बार मुख्य द्वार पर जाम की स्थिति भी बन गई। मंडी कर्मचारियों को वाहनों की आवाजाही सुचारू रखने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।