
श्रीगंगानगर. इलाके में पुलिस भले ही सतर्क और गश्त मजबूत रहने का दावा करे, लेकिन चोरी की वारदात हर साल बढ़ रही है। पुलिस का खौफ नहीं होने के कारण चोर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। शहर में बाइक चोरी आम बात हो गई है। वाहन चोरों को पकड़ने के बजाय पुलिस पीड़ितों को टकरा रही है। जब तक बड़ी रकम न जाए, पुलिस चोरी को सीरियसली नहीं लेती। पुलिस की नजर में चोरी की वारदात अब गंभीर अपराध नहीं रहा। ऐसा आंकड़े कह रहे हैं। पिछले साढ़े पांच सालों में चोरी के कुल 3525 प्रकरण दर्ज हुए है, इसमें से पुलिस ने 1611 आरोपियों की धरपकड़ की है। चोरी की वारदातों में 17.63 करोड़ की संपत्ति, जिसमें सोने-चांदी, जेवर व नकदी शामिल है, जबकि रिकवरी सिर्फ 9.42 करोड़ संपति हो पाई है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक डा. अमृता दुहन का कहना है कि थाना प्रभारियों से चोरी की वारदात के मामले दर्ज होने के साथ ही गहनता से जांच करने और अपराधियों को धरपकड करने के लिए कहा है। मैं तो खुद इस मामले में गंभीर हूं। पिछले दिनों वाहन चोरों की गैंग को पंजाब जाकर दबोचा गया है। चोरीशुदा सामान या संपत्ति को रिकवर करने पर फोकस किया जा रहा है। इस संबंध में सख्त निर्देश भी दिए गए है।
हर साल बढ़ रहा चोरी का ग्राफ
वर्ष एफआइआर गिरफ़्तारी
2020 369 155
2021 512 280
2022 665 392
2023 682 318
2024 747 287
2525 सित 550 179
कुल योग 3525 1611
इतनी संपति चोरी और इतनी रिकवरी
वर्ष चोरी शुदा संपति रिकवरी संपति
2020 23684190 10763120
2021 25529060 14397950
2022 31576356 20127056
2023 37078786 23127786
2024 26896460 12837000
2025 सितम्बर 3,15,99,270 1,29,56,070
कुल योग 176364122 94208982
Updated on:
28 Oct 2025 10:44 pm
Published on:
28 Oct 2025 10:41 pm
बड़ी खबरें
View Allश्री गंगानगर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग

