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डेंगू की आहट से मची खलबली, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

- सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला टीम सहित उतरे फील्ड में, पूरे जिले में फिर से सर्वे

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श्रीगंगानगर। जिला मुख्यालय पर डेंगू की आंशका में एक महिला की मौत के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। जिले में डेंगू के बढते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। सोमवार को मौसमी बीमारियों की समीक्षा और बैठकों के बाद मंगलवार को सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला ने खुद मोर्चा संभालते हुए अपनी पूरी टीम के साथ फील्ड में उतरे। वहीं डिप्टी सीएमएचओ डॉ. इतेंद्र उप्पल की अगुवाई में एक टीम ने घरों में दौरा किया। मंगलवार को जिला मुख्यालय पर एक साथ 65 टीमों को लगाकर एक साथ सभी वार्डों में सर्वे शुरू किया गया, जो आगामी दिनों में भी जारी रहेगा। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक बार फिर से पूरे जिले में व्यापक सर्वे और सघन अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन आमजन को भी जागरूक रहना होगा।

घर-घर सर्वे कराने पहुंचे सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ.सिंगला ने बताया कि टीमें विगत तीन माह से एंटी लार्वल गतिविधियां कर रही हैं, वहीं डेंगू मरीजों के बढ़ने की आशंका के चलते फिर से घर-घर जाकर सर्वे करना शुरू करवाया जा रहा है। जिला मुख्यालय पर संभावित डेंगू मरीज सामने आ रहे हैं, जिस कारण सभी वार्डों में सघन रूप से सर्वे किया जा रहा है। सर्वे का मुख्य उद्देश्य डेंगू के लार्वा की पहचान करना और उसे नष्ट करना है। टीम उन स्थानों पर विशेष ध्यान दे रही हैं, जहां पानी जमा होने की संभावना अधिक होती है, जैसे कि कूलर, गमले, टूटे बर्तन, टायर आदि।सर्वे के दौरान जहां भी मच्छर का लार्वा पाया जा रहा है, उसे तुरंत नष्ट किया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य कर्मी लोगों को डेंगू के लक्षणों व इससे बचाव के उपायों के बारे में भी जागरूक कर रहे हैं। उन्हें समझाया जा रहा है कि वे अपने घर और आस-पास पानी जमा न होने दें।संवेदनशील क्षेत्रों में नगर परिषद की ओर से फॉगिंग (धुएं का छिड़काव) और एंटी-लार्वा रसायनों का छिड़काव किया जा रहा है ताकि व्यस्क मच्छरों व लार्वा दोनों को नियंत्रित किया जा सके।
घरों में हर सप्ताह हो ड्राई डे
सीएमएचओ डॉ. सिंगला ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि, "डेंगू से बचाव के लिए सामुदायिक भागीदारी बहुत जरूरी है। हर व्यक्ति को कम से कम सप्ताह में एक बार 'ड्राई डे' मनाना चाहिए, यानी अपने घर के सभी बर्तनों, कूलरों और टंकियों को खाली करके सुखाना चाहिए।" उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए पर्याप्त बेड और इलाज की व्यवस्था हो। यह सघन अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि जिले में डेंगू के मामलों में प्रभावी कमी नहीं आ जाती।
डेंगू कार्ड टेस्ट का रेट ज्यादा लिया तो होगी कार्रवाई
सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी लैब संचालकों को निर्देशित किया है कि डेंगू से संबंधित जांच (एनएस 1) के रेट 550 रुपए से अधिक नहीं लें और कोई अन्य अनावश्यक जांच न करें। विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ लैब संचालक एक हजार रुपए तक जांच खर्च ले रहे हैं, जो कि उचित नहीं है। यदि इस मामले में कोई भी शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी नागरिक से कोई लैब संचालक अधिक राशि वसूल करता है तो उसकी सूचना सीएमएचओ के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर 9414873243 पर सूचना देवें।
डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं
सीएमएचओ ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं हुई। जिले में जनवरी 2025 से अब तक 116 मरीज ही सामने आए हैं, जिन्हें लेकर विभाग ने आवश्यक एंटी लार्वल गतिविधियां की हैं। विभाग ने आमजन से अपील की है कि बुखार आने पर तत्काल नजदीकी चिकित्सक से जांच करवाएं, घर पर पेरासिटामोल के अलावा अन्य कोई दवा नहीं लें। झोला छाप आदि से इलाज करने से बचें और जागरूक बनें।