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Municipal Elections: राजस्थान में निकाय चुनाव को लेकर मंत्री खर्रा का बड़ा बयान, चुनाव की तारीखों को लेकर दिए बड़े संकेत

Rajasthan Municipal Elections: मंत्री खर्रा ने बताया कि राजस्थान सरकार और स्वायत्त शासन विभाग राज्य के सभी 300 नगरीय निकायों में चुनाव कराने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर चुके हैं। विभागीय स्तर पर सभी आवश्यक कार्य संपन्न हो चुके हैं।

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सीकर

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Kamal Mishra

Nov 01, 2025

Jhabar Singh Kharra

मंत्री झाबर सिंह खर्रा (फोटो-पत्रिका)

सीकर। जिले में आयोजित सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर निकाय चुनाव को लेकर शहरी विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं के हजारों वर्षों के अत्याचार और लम्बे स्वतंत्रता संग्राम के बाद देश को जो आजादी मिली है, उसे बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर मंत्री खर्रा ने 'एकता मार्च' में भाग लिया और पत्रकारों से बातचीत में आगामी निकाय चुनावों को लेकर सरकार की तैयारी की जानकारी दी।

मंत्री खर्रा ने बताया कि राजस्थान सरकार और स्वायत्त शासन विभाग राज्य के सभी 300 नगरीय निकायों में चुनाव कराने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर चुके हैं। विभागीय स्तर पर सभी आवश्यक कार्य संपन्न हो चुके हैं और गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। सरकार 1 नवंबर तक चुनाव करवाने की सिफारिश भेजने की स्थिति में है।

4 दिन में सरकार भेज देगी सिफारिश

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य ओबीसी आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के स्तर पर कुछ तकनीकी कार्य शेष हैं। जैसे ही ओबीसी वर्गों से संबंधित आंकड़े और मतदाता सूचियों का प्रकाशन पूरा हो जाएगा, सरकार चार दिनों के भीतर चुनाव कराने की सिफारिश राज्य निर्वाचन आयोग को भेज देगी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा SIR की घोषणा के बाद यह प्रक्रिया और तेजी से आगे बढ़ेगी।

संतान संबंधी नियम पर क्या बोले मंत्री ?

संतान संबंधी नियमों में संशोधन को लेकर मंत्री खर्रा ने कहा कि 1995 में स्वायत्त शासन और पंचायतीराज विभाग में दो संतान नियम लागू किया गया था, जिसे 2002 में सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू किया गया। 2018 में इस नियम में कुछ रियायतें दी गईं। अब चुनाव लड़ने के इच्छुक युवाओं और प्रतिनिधियों की मांग पर सरकार इस नियम में और राहत देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उनका कहना है कि जब सरकारी कर्मचारियों को छूट दी जा सकती है तो जनप्रतिनिधियों के लिए भी समान रियायत होनी चाहिए।

खर्रा ने कहा- SIR पर कोई आपत्ति नहीं आई

बिहार और पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों पर उठे विवादों पर मंत्री खर्रा ने कहा कि बिहार में SIR लागू होने के बाद किसी ने भी निर्वाचन आयोग के समक्ष आपत्ति नहीं दर्ज कराई, जिसका अर्थ है कि हटाए गए नाम सही तरीके से हटाए गए। वहीं, पश्चिम बंगाल में एक करोड़ से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम टीएमसी सरकार द्वारा जोड़े जाने के आरोप उन्होंने लगाए।