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Khatushyamji Birthday: दुल्हन सी सजी श्याम नगरी, जानें महाभारत के बर्बरीक से कलयुग के श्याम बनने तक की कहानी

खाटूश्यामजी में बाबा श्याम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिर और नगर रोशनी से जगमग व भक्तों के जयकारों से गूंज उठा। बाबा श्याम का जन्मोत्सव तीन दिन तक चलेगा। पढ़ें प्रमोद स्वामी की विशेष रिपोर्ट...

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सीकर

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Arvind Rao

Nov 01, 2025

Khatushyamji Birthday

Khatushyamji Birthday (Patrika Photo)

खाटूश्यामजी: कलयुग के हारे के सहारे, दानवीर बर्बरीक के रूप में पूजित बाबा श्याम का जन्मोत्सव एक नवंबर को पूरे भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। खाटूधाम में देश-दुनिया से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है। मंदिर की गलियों से लेकर धर्मशालाओं और गेस्ट हाउसों तक जय श्री श्याम और हारे के सहारे के जयकारे गूंज रहे हैं।


तीन दिन तक श्यामनगरी आस्था, भक्ति और आनंद में सरोबार रहेगी। श्याम मंदिर कमेटी, पुलिस और पालिका व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुटी रही। वहीं, स्थानीय नागरिक अपने घरों, प्रतिष्ठानों, धर्मशालाओं और होटलों को विद्युत रोशनी से सजाकर खाटू को दुल्हन सी आभा देने में कोई कमी नहीं छोड़े।

मंदिर को मथुरा-वृंदावन के कलाकार शंख-चक्र और श्याम बाबा के तिलक, हारे के सहारे के जयकारे, जय श्री श्याम सहित कृष्ण भगवान के बाल स्वरूप आदि झांकियों से सजाया गया है। वहीं, खाटूनगरी की अधिकतर धर्मशाला, होटल और गेस्ट हाउस भी फुल हो गई है।


महाभारत के बर्बरीक से कलयुग के श्याम तक


कथा के अनुसार, बाबा श्याम वही वीर बर्बरीक हैं, जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। उनके तीन बाणों के बल से संपूर्ण महाभारत युद्ध एक पल में समाप्त हो सकता था। जब श्रीकृष्ण ने उनकी प्रतिज्ञा जानी तो बर्बरीक ने कहा कि वे सदैव हारने वालों की ओर से युद्ध करेंगे। तब धर्म की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने उनसे शीश दान मांगा।


बर्बरीक ने अपना शीश दान किया और भगवान ने वरदान दिया। कलयुग में तुम मेरे नाम श्याम से पूजे जाओगे और हारे का सहारा कहलाओगे। इसी विश्वास के कारण कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा श्याम को पुकारता है, उसकी हर व्यथा मिटती है।


खाटूधाम में उत्सव की रौनक


जन्मोत्सव को लेकर मंदिर और नगर सज-धज कर तैयार हैं। मंदिर का मुख्य द्वार पुष्पों से सजाया गया है और बाबा का विशेष शृंगार रजत एवं सुवर्ण आभूषणों से किया गया। दिनभर भजन, अखंड कीर्तन, झांकी दर्शन और प्रसादी वितरण का क्रम चलेगा।

रात्रि में दीपमालिका और विशेष आरती के साथ पूरा धाम जगमगाएगा। मंदिर परिसर और मुख्य मार्गों पर लगे एलईडी स्क्रीन से श्रद्धालु दूर से ही दर्शन कर सकेंगे। अखिल भारतीय स्वच्छता सेवादल के 150 सेवादार धाम को स्वच्छ रखने में जुटे हैं। प्रशासन की ओर से भी भीड़ प्रबंधन, पार्किंग और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।


खीर-चूरू से केक तक : बदलती भक्ति की परंपरा


पहले बाबा श्याम के जन्मोत्सव पर घर-घर खीर और चूरू का भोग लगाया जाता था, पर अब भक्ति में आधुनिकता का रंग घुल गया है। भक्त अपने घरों, धर्मशालाओं और होटलों में केक काटकर बाबा का जन्मदिन मनाएंगे।


बच्चे से लेकर बड़े तक हैप्पी बर्थडे श्याम बाबा और भजन मंडलियां ढोल-मंजीरों की थाप से गुजेंगी। यह नया रूप आस्था और उत्सव का अद्भुत संगम बन गया है। परंपरा वही है, बस अभिव्यक्ति बदल गई है। भक्त कहते हैं, बाबा का प्रेम समय से परे है, चाहे खीर से भोग लगाओ या केक से, भाव सच्चा होना चाहिए।


देश-विदेश में भी गूंजेगा जयकारा


केवल खाटू ही नहीं, बल्कि जयपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, सूरत, यूपी, एमपी, पंजाब, गुजरात सहित दुबई, लंदन और अमेरिका तक श्याम मंदिरों में जन्मोत्सव की विशेष आराधना होगी। अखंड कीर्तन, भजन संध्याएं और विशाल भंडारे आयोजित होंगे। जो भक्त खाटू नहीं पहुंच पाएंगे, वे सीकर पत्रिका के फेसबुक पेज पर बाबा के लाइव दर्शन कर सकेंगे।


दरबार का शृंगार ऐसे होगा


-दो दर्जन से अधिक मथुरा वृंदावन के कारीगर शृंगार कार्य में जुटे
-70% प्राकृतिक और 30% आर्टिफिशियल फूलों से सजा दरबार
-गेंदा, ऑर्किड, मेरीगोल्ड और रजनीगंधा सहित अनेक पुष्पों का प्रयोग
-लकड़ी, कपड़े, थर्माकोल, फ्लेक्स और बुटीक सजावट से झांकियां तैयार
-श्रद्धालु शंख चक्र और श्याम बाबा का तिलक राधा-कृष्ण, बिहारी जी और बालगोपाल की झांकियों के दर्शन कर सकेंगे