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सीबीआइ जांच में खुलासा: एक्सीडेंट झूठे, क्लेम असली, 87 वाहनों के ‘नकली एक्सीडेंट’ पर 2.5 करोड़ की ठगी

सीकर में सीबीआइ जयपुर व बीमा कंपनी की विजिलेंस टीम की संयुक्त जांच में वर्ष 2019 से 2022 तक 87 वाहनों का गलत तरीके से लगभग दो से ढ़ाई करोड़ का दुर्घटना क्लेम उठाने का मामला पकड़ में आया। फिलहाल सीबीआइ जयपुर की टीम जांच में जुटी है।

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87 वाहनों के क्लेम में फर्जीवाड़ा, फोटो मेटा एआइ

सीकर जिले में एक बीमा कंपनी व वाहन कंपनियों के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से क्लेम उठाने का बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआइ जयपुर व बीमा कंपनी की विजिलेंस टीम की संयुक्त जांच में यह फर्जीवाड़ा खुला है। प्रांरभिक जांच में वर्ष 2019 से 2022 तक 87 वाहनों का गलत तरीके से लगभग दो से ढ़ाई करोड़ का दुर्घटना क्लेम उठाने का मामला पकड़ में आया। फिलहाल सीबीआइ जयपुर की टीम जांच में जुटी है। खास बात यह है कि मिलीभगत के खेल में ऐसे वाहनों का भी बीमा उठा लिया, जो एक्सीडेंट में कई महीनों पहले ही पूरी तरह खत्म हो गए।

ऐसे खुली पोल…

पत्रिका की पड़ताल में फर्जीवाड़ा खुलने की पूरी कहानी भी सामने आई। दरअसल, सितम्बर महीने में सीबीआइ जयपुर व बीमा कंपनियों के अधिकारियों ने यहां संयुक्त औचक निरीक्षण किया। इसमें कुछ केस सामने आए जिसमें क्लेम का पैसा वाहन मालिकों के बजाय दूसरे लोगों के खातों में जमा हुआ। इसकी लगातार जांच की तो फर्जी तरीके से क्लेम उठाने का पूरा मामला सामने आ गया।

सीबीआइ जयपुर टीम ने पिछले पांच दिनों से सीकर में कैम्प लगा रखा है। वाहन मालिकों, वाहन कंपनियों व खाताधारकों से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार बुधवार तक पूछताछ की प्रक्रिया जारी रहेगी। फर्जीवाड़ा पकड़ में नहीं आए इसलिए फर्जी क्लेम का पैसा वाहन मालिकों के बजाय दूसरे लोगों के खातों में जमा करवाया गया। सीकर, चूरू, झुंझुनूं व नागौर के वाहनों पर सबसे ज्यादा क्लेम उठा है।

4 जिलों में सबसे ज्यादा क्लेम उठाया

सीकर, चूरू, झुंझुनूं व नागौर के वाहनों पर सबसे ज्यादा फर्जी क्लेम उठा। वाहन मालिकों के बजाय दूसरे लोगों के खातों में क्लेम का पैसा जमा कराया। सीबीआइ जांच में यह भी सामने आया है कि वाहन कंपनियों ने अन्य सरकारी व प्राइवेट बीमा कंपनियों से इसी प्रकार फर्जी दुर्घटना बीमा क्लेम उठाए गए है जिसकी राशि कई करोड़ तक पहुंच सकती हैं।

ऐसे समझें फर्जीवाड़े को….

केस 1: गाड़ी गई सर्विस में, उठा लिया क्लेम

पिछले साल सीकर की एक गाड़ी वाहन कंपनी में सर्विस के लिए गई। कुछ दिनों बाद ही बीमा व वाहन कर्मचारियों ने गाड़ी का एक्सीडेंट बताते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर क्लेम के लिए आवेदन कर दिया। क्लेम का पैसा भी वाहन मालिक बजाय अन्य व्यक्ति के खाते में भी जमा हो गया ताकि वाहन मालिक को फर्जी क्लेम की जानकारी न मिले।

केस 2: आठ-आठ लाख तक उठाया क्लेम

केस दो: कई ऐसे वाहनों का भी क्लेम उठा गया जो हादसे में पूरी तरह खत्म हो चुके है। वहीं कई लग्जरी वाहनों के भी हादसे वाले फोटो अपलोड कर आठ-आठ लाख रुपए तक बीमा फर्जी क्लेम उठाया गया है।