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पेंच टाइगर रिजर्व पर्यटकों से हुआ गुलजार, देवी स्वरूपा कन्याओं ने किया पूजन

कोर जोन में सफारी शुरु, तीन माह बाद पार्क में छाई रौनक

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सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व एक बार फिर से पर्यटकों से गुलजार हो गया है। आासपास चहल-पहल बढ़ गई। बाघों की आबादी, हरियाली, घास के मैदान और वन्यजीवों की विविधता के लिए जाने जाना वाला पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन के तीनों गेट (तुरिया, कमरझिरी और जमतरा) बुधवार से खुल गए। नवरात्रि के पावन पर्व पर नवमी के दिन पेंच टाइगर रिजर्व का शुभारंभ एक विशेष परंपरा के साथ किया गया। सभी प्रवेश द्वारों पर कन्याओं ने पूजन किया। जिसने इस सीजन की शुरुआत को और भी पावन बना दिया।
यह अवसर हमें स्मरण कराता है कि जैसे नारी शक्ति जीवन को संवारती है, वैसे ही प्रकृति का संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। संरक्षण तभी सफल होता है जब समाज, संस्कृति और समुदाय एक साथ आगे बढ़ते हैं। पेंच प्रबंधन ने ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ को आगे बढ़ाते हुए ‘बेटी को दुनिया की सैर कराओ’ थीम के अंतर्गत आसपास के गांवों की बेटियों को जंगल सफारी भी कराई एवं उन्हें जंगल से जुड़ी जानकारी दी। इससे पहले बेटियों ने पूजन के बाद फीता काटकर शुभारंभ किया। पेंच में जंगल सफारी के दौरान बेटियों के चेहरे खुशी से खिल गए। तुरिया, करमाझिरी, खवासा, जमतरा में 4-4 सफारी एवं तेलिया, रूखड़, मसूरनाला में दो-दो गाडिय़ों से बेटियों को टाइगर सफारी कराई गई। हर गेट पर पेंच टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।

बाघ देखकर रोमांचित हुए पर्यटक
पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बुधवार सुबह जंगल सफारी के दौरान कई पर्यटकों को बाघ का दीदार हुआ। पर्यटक बाघ देखकर रोमांचित हो उठे। उन्होंने रोमांच से भले पल को अपने कैमरे में कैद किया।

नए वर्ष की भी शुरु हुई बुकिंग
पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन में जंगल सफारी को लेकर देशी-विदेशी पर्यटक उत्साहित हैं। अक्टूबर माह के अधिकतर दिनों में बुकिंग फुल हो गई है। वहीं नए वर्ष पर भी पर्यटक एडवांस बुकिंग करा रहे हैं।

शुल्क कम होने की थी उम्मीद
पेंच टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी करने पहुंचे पर्यटकों की बढ़े हुए शुल्क को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ पर्यटकों का कहना था कि तीन वर्ष बाद शुल्क में थोड़ी वृद्धि की गई है। इससे कोई खास परेशानी नहीं है। वहीं कुछ पर्यटक का कहना था कि पहले से ही शुल्क महंगा था। कम होने की जगह बढ़ा दी गई। बता दें कि शासन ने 10 प्रतिशत शुल्क में बढ़ोतरी की है।

जुलाई से सितंबर तक गेट था बंद
पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन में जुलाई, अगस्त, सितंबर में जंगल सफारी नहीं कराई जाती है। बफर जोन खुला रहता है। इसके बाद 1 अक्टूबर को कोर जोन का गेट खोला जाता है। यह पर्यटन वर्ष की शुरुआत भी होती है।

पेंच में कई नर और मादा बाघ
पेंच में मुख्य रूप से बंगाल टाइगर पाए जाते हैं, जो ‘द जंगल बुक’ में शेरखान का प्रेरणा स्रोत थे। पेंच टाइगर रिजर्व में कई नर और मादा बाघ हैं, जिनमें ‘स्वस्तिक’, ‘त्रिशूल’ जैसे प्रसिद्ध बाघ भी शामिल हैं, जिन्हें उनके शरीर पर बने विशिष्ट निशानों से पहचाना जाता है। 123 बाघ पेंच नेशनल पार्क का उपयोग करते हैं। 175 तेंदुआ हैं। इसके अलावा जंगली बिल्ली, भेडिय़ा, जंगली कुत्ता, शियार, हिरन, चीतल, काला हिरन, नेंवला सहित अन्य जीव-जन्तू हैं। 10 से अधिक हाथी से पेंच नेशनल पार्क की पेट्रोलिंग की जाती है।

इनका कहना है
पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन में जंगल सफारी शुरु हो गई है। पावन पर्व नवरात्र पर बेटियों ने पूजन और फीता काटकर शुभारंभ किया। उन्हें जंगल सफारी कराई गई और विभिन्न जानकारी दी गई।
रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच नेशनल पार्क