सिवनी. ‘लालच बुरी बला है’ यह कहावत लगभग हर आदमी ने सुनी होगी। हालांकि इसके बाजवूद भी कई लोग किसी न किसी वजह से इसके जद में आ जाते हैं और परिणाम बुरा होता है। हवाला मनी लूट मामले में मंगलवार को जबलपुर जोन आईजी प्रमोद वर्मा के निर्देश पर गठित एसआईटी टीम ने पुलिस कंट्रोल रूम में देर रात तक हिरासत में लिए गए निलंबित एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, आरक्षक माखन इवनाती, जगदीश यादव, योगेन्द्र चौरसिया, केदार बघेल, सुभाष सदाफल, नीरज राजपूत से एक-एक करके पूछताछ की। हिरासत में लिए गए आठों पुलिसकर्मियों की पूरी रात पुलिस अभिरक्षा में ही गुजरी। वहीं निलंबित तीन आरोपी पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला, आरक्षक रविन्द्र उइके, आरक्षक रितेश की भी तलाश जारी रही। बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसडीओपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों पर डकैती, गलत तरीके से रोकना, अपहरण और आपराधिक षडय़ंत्र की धारा के तहत लखनवाड़ा थाना में एफआईआर दर्ज किया गया है। पूरे मामले की जांच जबलपुर एसआईटी टीम कर रही है। बुधवार को एसआईटी उन्हें कोर्ट में पेश करेगी। डीआईजी राकेश सिंह ने बताया कि 11 आरोपियों में से 8 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। जबलपुर एसआईटी टीम मामले की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि सिवनी जिले में 8-9 अक्टूबर की दरमियानी रात लखनवाड़ा थाना क्षेत्र के सीलादेही बाइपास पर पुलिसकर्मियों ने पैसों से भरी कार की चेकिंग की। हालांकि इसमें से बड़ी राशि अपने पास रख लिया और अगले दिन शाम तक जब्ती नहीं बनाई और न ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचित किया। पुलिसकर्मियों के संदिग्ध आचरण को देखते हुए एसडीओपी, थाना प्रभारी समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
सतना और कटनी से उठाई गई थी राशि
डीआईजी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि 8-9 अक्टूबर की दरमियानी रात हवाला की दो करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए सतना और कटनी से नागपुर की तरफ कार में ले जाया जा रहा था। अवैध राशि की भी विधिवत जांच की गई और मामला दर्ज किया गया। पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। कुल दो करोड़ 70 लाख रुपए अब तक बरामद किए गए हैं। उस मामले की भी विवेचना आईजी के निर्देश पर एसआईटी कर रही है। उन्होंने बताया कि मामला गंभीर है। जांच जारी है। इस मामले में बालाघाट, जबलपुर से भी कुछ संदिग्धों से पूछताछ की गई है।
एसआईटी टीम में लखनवाड़ा टीआई भी शामिल
मामले की जांच कर रही जबलपुर एसआईटी टीम में एएसपी जितेन्द्र सिंह, लखनवाड़ा टीआई चन्द्रकिशोर सिरामे सहित अन्य शामिल हैं।
वकील ने लगाया आरोप
निलंबित पुलिसकर्मियों को लेकर जबलपुर के कुछ वकील भी मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे। दरअसल बताया जाता है कि आरोपियों के पक्ष में बन्दी प्रत्यक्षीकरण की याचिका भी लगाई गई है। डीआईजी ने कहा कि हम सभी का जवाब देंगे। वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में किसी बड़े व्यक्ति को बचाने के लिए पुलिसकर्मियों पर आनन-फानन में मामला दर्ज किया है। एफआईआर में कहीं जिक्र नहीं है कि पैसा किसका है।
Published on:
15 Oct 2025 02:17 pm
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