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एसआईआर सर्वे: सतना लोस के 6.73 लाख मतदाताओं को दिखाने होंगे कागज

अलग-अलग 5 श्रेणियों के मतदाताओं को करवाना होगा अपना सत्यापन

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sir satna

सतना। मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसके तहत प्राथमिक सर्वे का काम पूरा हो गया है और तय प्रारूप में मतदाताओं की जानकारी तैयार कर चुनाव आयोग को भेज दी गई है। इस टेबल टॉप एक्सरसाइज में जो आंकड़े निकल कर आए हैं उन्हें बिहार एसआईआर के घोषणा पत्र से मिलान करें तो लगभग 6,73,310 मतदाताओं को मतदाता सूची में बने रहने के लिए निर्धारित 12 दस्तावेजों में से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। सिर्फ 7,65,318 मतदाता ऐसे हैं जिन्हें किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं दिखाने होंगे। 2,92,523 मतदाताओं को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।

इन श्रेणियों में मतदाताओं का किया गया चिन्हांकन

एसआईआर के पहले की गई टेबल टॉप एक्सरसाइज में 6 श्रेणियों के मतदाताओं का चिन्हित किया गया है। पहली श्रेणी में वे मतदाता हैं जिनका नाम 2025 और 2003 की मतदाता सूची में है, दूसरी श्रेणी में ऐसे मतदाता जिसका भारत में जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है और उनके माता पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में है। तीसरी श्रेणी में वे मतदाता हैं जिनका जन्म भारत में 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है और उनके माता या पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में है। चौथी श्रेणी में वे मतदाता जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ और 2003 की मतदाता सूची में माता या पिता का नाम है। पांचवी श्रेणी के मतदाता वे हैं जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है और उनके माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है। छठवीं श्रेणी के मतदाता वे हैं जो पिछली पांच श्रेणियों में नहीं आते हैं।

यह है श्रेणी वार मतदाताओं की संख्या

सतना जिले में एसआईआर के पहले की इस कवायद में कुल 17,31,151 मतदाता पाए गए हैं। इसमें पहली श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 7,65,318 है। दूसरी श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 68,218 है। तीसरी श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 5,37,317 है। चौथी श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 40,994 और पांचवी श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 26,761 है। छठवीं श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 2,92,523 है।

इनको देने होंगे दस्तावेज

यदि किसी मतदाता का नाम वर्ष 2003 की सूची में नहीं है, लेकिन उनके माता या पिता का नाम उस मतदाता सूची में दर्ज है। तो ऐसे मामलों में माता-पिता के नाम प्रासंगिक अंश ही प्रमाण स्वरूप मान्य होगा। ऐसी स्थिति में संबंधित मतदाता को केवल अपने सामान्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, उनके लिए स्वयं की जन्म तिथि या स्थान को प्रमाणित करने वाला कोई भी दस्तावेज आवश्यक है। जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है, उन्हें स्वयं और माता-पिता में से किसी एक के जन्म स्थान और तिथि के प्रमाण के रूप में दस्तावेज देने होंगे तथा जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है और माता पिता का नाम मतदाता सूची में नहीं है तो उन्हें स्वयं और माता-पिता दोनों के जन्म स्थान और तिथि के प्रमाण के रूप में दस्तावेज देने होंगे। इस आधार पर दूसरी से पांचवी श्रेणी के मतदाता जिनकी संख्या 6,73,290 है उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।

इस पर अभी स्पष्ट नहीं

टेबल टॉप सर्वे में 2,92,523 मतदाता ऐसे मिले हैं जो पहली से पांचवी श्रेणी में शामिल नहीं है अर्थात छूटे हुए हैं। इन मतदाताओं का क्या होगा इस पर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। इसकी स्पष्ट जानकारी एसआईआर प्रारंभ होने के दौरान ही सामने आ सकेगी।

इन 12 में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा

निर्वाचन आयोग ने 12 दस्तावेज मान्य किए हैं जिनमें से कोई एक दस्तावेज मतदाता को प्रस्तुत करना होगा। इसमें केन्द्र, राज्य, पीएसयू के नियमित कर्माचारी, पेशनभोगी कर्मी को दिया गया दस्तावेज या पेशन भुगतान आदेश के दस्तावेज मान्य होंगे। इनके अलावा सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, डाकघर, एलआईसी द्वारा भारत में 1 जुलाई 1987 से पहले दिया गया पहचान पत्र या प्रमाण पत्र। सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, राज्य के सक्षण प्राधिकारी द्वारा जारी स्थाई निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र मान्य होगा। ओबीसी, एससी, एसटी का जाति प्रमाण पत्र। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर। राज्य या स्थानीय प्राधिकारी द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर। सरकार की कोई भी भूमि, मकान आवंटन प्रमाण पत्र। आखिरी दस्तावेज आधार कार्ड भी मान्य होगा।