फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: दिवाली और धनतेरस से ठीक पहले बैंकों में नया चेक क्लियरिंग सिस्टम फेल होने से कारोबारियों और आम ग्राहकों की परेशानी बढ़ गई है। बाजार में लेनदेन तेजी पर है, लेकिन पिछले 10 दिनों से चेक क्लियर नहीं होने के कारण जिले के लगभग 200 करोड़ रुपए से अधिक की राशि अटकी पड़ी है।
रिजर्व बैंक ने 4 अक्टूबर से देशभर में नया मॉड्यूल लागू किया था, ताकि चेक एक ही दिन में क्लियर हो सकें और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बने। मगर तकनीकी खामियों के चलते सिस्टम शुरू होते ही ठप पड़ गया। नतीजतन, एसबीआई, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी और यूनियन बैंक के हजारों ग्राहकों के चेक लंबित हैं, जिससे त्योहारी सीजन में आर्थिक लेनदेन पर असर पड़ा है।
ऐसी आ रही समस्याएं…..
-नए सॉफ्टवेयर और डेटा एंट्री प्रोसेस की ट्रेनिंग कई शाखाओं के कर्मचारियों को मिली ही नहीं।
-डिजिटल इमेजिंग में त्रुटियां, चेक स्कैनिंग और ऑटो-वेरिफिकेशन सिस्टम का फेल होना।
-सर्वर पर डेटा अपलोड और सिंक न होने से चेक क्लियर नहीं हो पा रहे।
एलडीएम गौतम कुमार शर्मा ने बताया कि आरबीआइ ने चेक क्लियरिंग सिस्टम को बैच प्रोसेसिंग से निरंतर क्लियरिंग सिस्टम में परिवर्तित किया है, ताकि चेकों की तेजी से निकासी सुनिश्चित की जा सके। एनपीसीआई द्वारा संचालित केंद्रीय प्रणाली और सहभागी बैंकों में कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं, जिनके कारण विलंब हो रहा है। समस्या जल्द दूर होगी।
बैंकों के चेक क्लीयरिंग सिस्टम के फेल होने से व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिवाली सीजन में लेनदेन का दबाव बढ़ने के बीच भुगतान रुकने से बाजार की रफ्तार थम गई है। विंध्य चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के मंत्री संदीप जैन के आठ चेक फंसे हुए हैं। उनका कहना है कि बैंकिंग सिस्टम बंद होने से न तो चेक क्लियर हो रहे हैं और न ही लौटकर आ रहे हैं। व्यापारी माल की सप्लाई रोकने को मजबूर हैं।
Updated on:
16 Oct 2025 05:40 pm
Published on:
16 Oct 2025 05:39 pm
बड़ी खबरें
View Allसतना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग