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सेंट्रल किचन में तैयार हो रहा था घटिया भोजन

सातवीं के बच्चे नहीं लिख पाए 'हिंदी हमारी मातृभाषा है' जिपं सीईओ के निरीक्षण से उजागर हुई कई कमियां

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सतना। जिला पंचायत सीईओ संजना जैन ने शनिवार को सेंट्रल किचन का निरीक्षण किया। यहां पर गुणवत्ताहीन भोजन बनाया जाना मिला। किचन में गंदगी के बीच खाना बनाया जा रहा था। इस पर कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई गई। साथ ही मौके का पंचनामा बनवाया। यह भी पाया कि विभिन्न नगरीय निकायों में पृथक से सेन्ट्रल किचन न खोलकर सतना शहर से ही खाना भेजा जा रहा है। यह एग्रीमेंट के विपरीत था। इस पर जिपं सीईओ ने संबंधित संचालक को नोटिस जारी किया है। सीईओ ने हिरौंदी विद्यालय के मध्याह्न भोजन का औचक निरीक्षण किया। यहां छात्र संख्या के मान से कम भोजन बनाया गया था। इस पर रसोइये का वेतन काटने सहित समूह को भुगतान नहीं करने के निर्देश दिए। विद्यालय में बच्चों की क्लास भी उन्होंने ली। शैक्षणिक स्तर काफी कमजोर पाया गया। शैक्षणिक अमले को फटकार लगाई और पठन पाठन में सुधार लाने के निर्देश दिए।

आटा गूंथने की मशीन में लगे थे मकड़ी के जाले

जिपं सीईओ ने निर्मला ज्योति महिला मंडल द्वारा संचालित सेंट्रल किचन का औचक निरीक्षण भी किया। यहां अधपके चावल एवं कच्ची दाल ज्यादा पानी वाली पाई गई। सब्जी में कुम्हड़े एवं आलू की गीली सब्जी पाई गई। इसमें आलू और कुम्हडे़ के छिलके तक नहीं निकाली गए थे। भोजन की गुणवत्ता काफी खराब मिली। रसोई घर में काफी गंदगी मिली और भोजन पहुंचाने वाले कंटेनर भी खराब मिले। खाद्यान्न सामग्री का रखरखाव भी सही नहीं मिला। नियमानुसार एगमार्क मसालों का उपयोग किया जाना चाहिए लेकिन खुले गुणवत्ताहीन मसाले प्रयोग में लाए जा रहे थे। कर्मचारी न तो एप्रिन पहने थे न ही टोपी लगाए थे। आटा गूंथने की मशीन में मकडी के जाले लगे मिले।

एग्रीमेंट के विपरीत अन्य निकायों में हो रही सप्लाई

यहां के कर्मचारियों ने बताया कि सतना से ही कोठी, बिरसिंहपुर, जैतवारा, उचेहरा और नागौद नगर पंचायत में भोजन बना कर भेजा जा रहा है। जिपं सीईओ ने कहा कि एग्रीमेंट के अनुसार तो इन नगर पंचायतों में पृथक से सेन्ट्रल किचन संचालित करना है। यहां से कैसे खाना बना कर भेज रहे हो। ऐसे में तो खाना ठंडा होगा साथ ही गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। इस पर संचालक को जमकर फटकार लगाई। साथ ही इन्हें नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

हिरौंदी में बच्चों को घट गया खाना

जिपं सीईओ ने हिरौंदी प्राथमिक और माध्यमिक शाला के मध्याह्न भोजन वितरण का औचक निरीक्षण किया। यहां भोजन का मात्रा काफी कम बनाई गई थी। सीईओ ने अपने सामने जब बच्चों को भोजन वितरण करवाया तो प्राथमिक खंड में चावल कम पड़ गया। सब्जी और दाल में भी कमी मिली। 59 बच्चे उपस्थित थे लेकिन समूह ने 40 बच्चों के लिए खाना बनाया था। माध्यमिक खंड में भी बच्चों को भोजन कम पड़ गया। 8 बच्चों के लिए भोजन था ही नहीं। दाल काफी पतली थी। रसोईघर में गंदगी थी। खाना गैस चूल्हे में न बनाकर लकड़ी वाले चूल्हे में बनाया जा रहा था। इस पर सीईओ ने मां शारदा समूह का 1 दिन की मटेरियल कास्ट की राशि काटने के निर्देश दिए। साथ ही यहां दोबारा भोजन बनवाया गया। रसोइयों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए।

हिंदी नहीं लिख पाए सातवीं के बच्चे

जिपं सीईओ ने विद्यालय में विभिन्न कक्षाओं में जाकर पठन पाठन व्यवस्था का जायजा लिया। सातवीं कक्षा के बच्चों को हिन्दी में 'हिन्दी हमारी मातृभाषा है' लिखने को कहा। एक भी बच्चा इसे नहीं लिख सका। 8वीं के बच्चो से अंग्रेजी में 'माइ नेम इज राधिका सिंह' लिखने को कहा यह भी कोई नहीं लिख सका। एक बच्ची ने लिखा तो वह भी गलत था। उसने 'मी नाम राधिका सिंह' लिखा। चौथी कक्षा के बच्चों को 46 में 21 का जोड़ घटाना और 13 में 3 का गुणा करने का सवाल दिया। जिसे कोई हल नहीं कर सका। इस पर सीईओ ने शिक्षकों को फटकार लगाई और कहा कि साबित हो रहा है कि आप लोग बच्चों को पढा नहीं रहे हैं। शिक्षकों को पठन पाठन व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।