Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चित्रकूट दीपावली मेला प्रारंभ: आध्यात्मिक उमंग और रंगीन रोशनी की चकाचौंध में डूबी धर्म नगरी

वर्चुअल रियल्टी के जरिए त्रिआयामी तीर्थ यात्रा की भी व्यवस्था, इस बार मध्यप्रदेश के हिस्से का चित्रकूट यूपी से ज्यादा हुआ जगमग

3 min read
chitrakoot

सतना। चित्रकूट की पवित्र धरती, जहां मंदाकिनी की लहरें भक्ति के गीत गाती हैं और कामदगिरि की परिक्रमा मन को शांति देती है, इस बार दीपावली मेले के रंग में और भी निखर उठी हैं। 18 अक्टूबर से शुरू होने वाला पांच दिवसीय चित्रकूट दीपावली मेला आध्यात्मिक उमंग और आधुनिक तकनीक का ऐसा अनोखा मेल पेश कर रहा है कि हर यात्री का मन यहां की सैर को बेकरार हो उठेगा। करीब 30 लाख श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आमद को देखते हुए इस मेले को एक अविस्मरणीय अनुभव देने वाला बनाया गया है।

वर्चुअल रियलिटी का जादू, त्रि-आयामी तीर्थ यात्रा

चित्रकूट की पौराणिकता को इस बार तकनीक ने नए आयाम दिए हैं। पुण्य सलिला मंदाकिनी में दीपदान और कामदगिरि परिक्रमा के बाद मेले का सबसे बड़ा आकर्षण है वर्चुअल रियलिटी (वीआर) दर्शन होगा, जो लोगों को गुप्त गोदावरी, हनुमानधारा, और अक्षय वट जैसे पवित्र स्थलों की त्रि-आयामी सैर कराएगा। वीआर हेडसेट लगाते ही आप खुद को मंदाकिनी के तट पर या कामदगिरि की परिक्रमा में खोया पाएंगे, मानो हर दृश्य जीवंत हो उठा हो! यह अनुभव पहले उज्जैन के महाकालेश्वर और मैहर में देखा गया, लेकिन चित्रकूट में यह पहली बार श्रद्धालुओं को एक अनूठा रोमांच देगा।

जगमगाती रोशनी, मनमोहक सजावट

चित्रकूट की गलियां इस बार रंग-बिरंगी रोशनी से ऐसी सजी हैं कि रात का आलम किसी स्वर्गिक नजारे से कम नहीं। मध्य प्रदेश प्रशासन ने उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए चित्रकूट को भव्यता का नया रूप दिया है। मोहकमगढ़ का भव्य प्रवेश द्वार, हनुमानधारा का जगमगाता पुल, और अक्षय वट का आलोकित तोरण रात में ऐसा जादू बिखेरते हैं कि हर यात्री ठिठककर तस्वीरें खींचने को मजबूर हो रहा है। मंदाकिनी के घाटों पर रंगीन लाइटों का मेला और चौराहों की शानदार सजावट इस पवित्र नगरी को उत्सव की चमक से भर देती है। रात में चित्रकूट का हर कोना एक चित्र-सा जीवंत हो उठा है, जो पर्यटकों के लिए अनुपम आकर्षण है।

श्रद्धालुओं का हर ख्याल

मेले में आने वालों के लिए सुविधाओं का खास इंतजाम है। मंदाकिनी के तट पर वाटरप्रूफ पंडालों में गद्दों के साथ आरामदायक ठहरने की व्यवस्था है। घाटों की रौनक और रोशनी का माहौल ऐसा है कि हर यात्री यहां की भक्ति और उत्सव में डूब जाए। 17 अक्टूबर की शाम से ही चित्रकूट में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो चुका है, और लोग इस मनोरम दृश्य को अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं।

चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उत्साह को बरकरार रखने के लिए 120 सीसीटीवी कैमरे और तीन ड्रोन कैमरे चित्रकूट की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। कमांड एंड कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित कर रही है कि यहां आने वाले लोग बेफिक्र होकर मेले का आनंद उठा सकें। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस के नेतृत्व में सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं और वे लगातार निगरानी कर रहे हैं।

चित्रकूट बुला रहा है

मझगवां एसडीएम महिपाल सिंह गुर्जर ने कहा कि इस बार का मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, संस्कृति, और तकनीक का अनुपम संगम है। दीपदान की पवित्रता, कामदगिरि की परिक्रमा, और वीआर दर्शन का रोमांच, यह अनुभव जीवन भर साथ रहेगा। हम लोगों से अपील करते हैं कि चित्रकूट की इस अलौकिक यात्रा का हिस्सा बनें, जहां हर पल उत्सव और भक्ति का रंग बिखेर रहा है। इसके साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों से अपेक्षा की है कि वे धर्मनगरी की स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने में प्रशासन की मदद करेंगे। जहां तहां कचरा न फेंक कर नियत स्थलों पर ही डालेंगे। एक दूसरे के सहयोग और सहभागी बन मेला सुव्यवस्थित रखने में प्रशासन की मदद करेंगे।