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विद्याधर से बन गुुरु विद्यासागर, नमन करने झुके हजारों शीश, शरद पूर्णिमा के अवसर पर तीनबत्ती पर आत्मान्वेषी नाटक का मंचन

तीनबत्ती पर रविवार की रात नजारा कुछ अलग ही था। यहां शरद पूर्णिमा आचार्य विद्यासागर के अवतरण दिवस पर नाटक आत्मान्वेषी का मंचन किया गया। मुनि क्षमासागर के द्वारा लिखित इस नाटक में आचार्यश्री के जीवन को मंच पर दिखाया। विद्याधर से विद्यासागर की कहानी जब मंच प्रस्तुत हुई लोगों की आंखें नम हो गई है।

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सागर

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Rizwan ansari

Oct 13, 2025

तीनबत्ती पर रविवार की रात नजारा कुछ अलग ही था। यहां शरद पूर्णिमा आचार्य विद्यासागर के अवतरण दिवस पर नाटक आत्मान्वेषी का मंचन किया गया। मुनि क्षमासागर के द्वारा लिखित इस नाटक में आचार्यश्री के जीवन को मंच पर दिखाया। विद्याधर से विद्यासागर की कहानी जब मंच प्रस्तुत हुई लोगों की आंखें नम हो गई है। हजारों शीश आचार्य विद्यासागर को नमन करने में झुक गए। नाट्य मंचन का विवेचना रंगमंडल, जबलपुर ने किया। निर्देशन अरुण पाण्डेय ने किया। नाट्य रूपांतरण अर्चना मलैया व तकनीकी निर्देशन कमल जैन का रहा। जो राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित हैं। प्रस्तुति समन्वयक मुकेश जैन ढाना विद्या समय अवतरण दिवस समिति रही। इससे पहले प्रसिद्ध भजन गायक आस्तिक जैन की भजन संध्या हुई। सपन जैन ने बताया कि मंच से आरती सजाओ प्रतियोगिता हुई। एकल और महिला मंडलों के द्वारा लगभग 100 आरतियां प्रतियोगिता में शामिल हुई। महाआरती के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मुकेश जैन पारस ने बताया कि बाहुबली कॉलोनी से महाआरती जुलूस निकला। वर्णी कॉलोनी, कीर्ति स्तंभ, नमक मंडी होकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा। बड़ी संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए।