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अधिकारियों ने कटवा दिए रेलवे संस्थान में खड़े सैकड़ों वर्ष पुराने हरे-भरे पेड़

सरकार दे रही पौधे लगाने का संदेश, रेलवे क्षेत्र में हो रही कटाई, पर्यावरण को संरक्षित करने के दावे झूठे

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Hundreds of years old green trees standing in the railway institute were cut down by the officials.

पेड़ों को काटते हुए कर्मचारी

बीना. जहां एक ओर सरकार हर व्यक्ति को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रही है, जिसमें एक पेड़ मां के नाम जैसी योजनाओं के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर रेलवे जैसे देश के बड़े सरकारी संस्थान ही हरियाली को नष्ट करने में पीछे नहीं हैं। बीना रेलवे संस्थान परिसर में सैकड़ों वर्ष पुराने हरे-भरे पेड़ों की कटाई स्थानीय अधिकारियों के निर्देश पर की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, रेलवे परिसर में पिछले कुछ दिनों से कई बड़े-बड़े पेड़ों को काटा गया है। यह कटाई ऐसे समय में की जा रही है, जब यहां किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं चल रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पेड़ न केवल परिसर की शोभा बढ़ाते थे, बल्कि गर्मी के मौसम में इनसे ठंडक रहती थी और पक्षियों का आश्रय स्थल भी थे। लोगों ने कहा कि यदि इन पेड़ों को किसी विकास कार्य के लिए काटा जा रहा होता, तो ठीक था, लेकिन यहां तो कोई ऐसा काम भी नहीं हो रहा है।

अधिकारियों की लापरवाही से हो रही हरियाली खत्म
अधिकारियों की लापरवाही और उदासीन रवैया से हरियाली खत्म हो रही है। रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि रेलवे परिसर में पेड़ों की कटाई तत्काल रोकी जाए और जिन पेड़ों को पहले ही काटा जा चुका है, उनकी जगह नए पौधे लगाए जाएं, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे और आने वाली पीढिय़ों को स्वच्छ हवा मिल सके। इस संबंध में जब रेलवे जनसंपर्क अधिकारी नवल अग्रवाल से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

केवल दिखावे के लिए किया जाता है पौधारोपण
किसी भी विशेष समय पर यहां पर रेलवे के आलाधिकारी पौधारोपण करके खानापूर्ति करते हैं, लेकिन उन्हें लगाने के बाद उनकी देखरेख भी नहीं की जाती है। यहां पर लगे अधिकांश पेड़ वर्षों पहले के ही लगे हुए हैं।