Govardhan puja 2025 shubh muhurat|फोटो सोर्स – Freepik
Govardhan Puja 2025: हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा के दिन यह महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। श्रीकृष्ण को जगत का पालनकर्ता माना जाता है, और भक्तगण उन्हें पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजते हैं।
कृष्ण को प्रसन्न करने के अनेक मार्ग हैं कुछ लोग उन्हें तुलसी पत्र, माखन और मिश्री अर्पित करते हैं, तो कुछ व्रत रखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। वहीं, कई साधक ऐसे भी हैं जो मंत्र जाप और स्तुति के माध्यम से श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं।तो आइए, जानते हैं वे दिव्य मंत्र और स्तुतियां जो गोवर्धन पूजा पर श्रीकृष्ण को कर सकते हैं प्रसन्न।
पहला सुबह 6:26 बजे से 8:42 बजे तक
दूसरा दोपहर 3:29 बजे से शाम 5:44 बजे तक।
ब्रह्म मुहूर्त 4:45 AM से 5:35 AM तक रहेगा
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
।।श्री कृष्ण के शक्तिशाली मंत्र।।
सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे।
तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।।
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”
श्री कृष्णचन्द्र कृपालु भजु मन, नन्द नन्दन यदुवरम्
आनन्दमय सुखराशि ब्रजपति, भक्तजन संकटहरम्
सिर मुकुट कुण्डल तिलक उर, बनमाल कौस्तुभ सुन्दरम्
आजानु भुज पट पीत धर, कर लकुटि मुख मुरली धरम्
बृष भानुजा सह राजहिं प्रिय, सुमन सुभव सिंहासनम्
ललितादि सखिजन सेवहिं, लिए छत्र चामर व्यंजनम्
पूतना-तृण-शंकट-अधबक, केशि-व्योम-विमर्दनम्
रजक-गज-चाणूर-मुष्टिक, दुष्ट कंस निकन्दनम्
गो-गोप गोपीजन सुखद, कालीय विषधर गंजनम्
भव-भय हरण अशरणशरण, ब्रह्मादि मुनि-मन रंजनम्
श्याम-श्यामा करत केलि, कालिन्दी तट नट नागरम्
सोइ रूप मम हिय बसहुं नित, आनन्दघन सुख सागरम्
इति वदति सन्त सुजान श्री सनकादि मुनिजन सेवितम्
भव-मोतिहर मन दीनबन्धो, जयति जय सर्वेश्वरम्
Published on:
20 Oct 2025 11:30 am
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