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Rama Ekadashi 2025 : 16 या 17 अक्टूबर? जानिए कब है रमा एकादशी, इस बार बन रहा है महासंयोग!

Rama Ekadashi 2025 : रमा एकादशी 2025 का व्रत 17 अक्टूबर, शनिवार को रखा जाएगा। इस दिन तुला संक्रांति के साथ बन रहा है शुभ योग। जानें व्रत की तिथि, पारण का समय, पंचांग विवरण और रमा एकादशी का महत्व।

2 min read

भारत

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Dimple Yadav

Oct 15, 2025

Rama Ekadashi 2025

Rama Ekadashi 2025 (photo- gemini ai)

Rama Ekadashi 2025 : सनातन धर्म में कार्तिक मास को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यह महीना भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस मास में भक्तजन पूरे श्रद्धा भाव से गंगा स्नान, दीपदान, व्रत, और पूजन करते हैं ताकि वे लक्ष्मी-नारायण की कृपा प्राप्त कर सकें। यही कारण है कि कार्तिक मास में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, छठ पर्व, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे अनेक पवित्र पर्व मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है रमा एकादशी, जो भगवान विष्णु को समर्पित एक विशेष तिथि है।

रमा एकादशी कब है?

धार्मिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 16 अक्टूबर 2025, गुरुवार को प्रातः 10 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगी और 17 अक्टूबर, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी।
हिंदू धर्म में व्रत और पूजा की तिथि का निर्धारण सूर्योदय के आधार पर किया जाता है, इसलिए इस वर्ष रमा एकादशी का व्रत 17 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को रखा जाएगा। इस दिन भक्तजन उपवास रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करेंगे तथा रात्रि में जप, पाठ और भजन करेंगे।

व्रत पारण का शुभ मुहूर्त

व्रत का पारण 18 अक्टूबर 2025, रविवार को किया जाएगा। पारण का शुभ समय सुबह 06:24 से 08:41 बजे तक रहेगा। धर्मशास्त्रों के अनुसार, पारण के समय नियमपूर्वक जल, तुलसी पत्ता और भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करना चाहिए। इससे व्रत पूर्ण फलदायक होता है और मन की इच्छाएं पूरी होती हैं।

विशेष योग का संयोग

इस वर्ष रमा एकादशी के दिन एक अत्यंत शुभ योग बन रहा है। 17 अक्टूबर को सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे तुला संक्रांति का पर्व भी इसी दिन पड़ेगा। जब एकादशी तिथि और सूर्य गोचर एक साथ आते हैं, तो व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन व्रत, दान-पुण्य, जप और ध्यान का विशेष महत्व रहेगा।

शुभ मुहूर्त और पंचांग विवरण

सूर्योदय: 06:23 बजे

सूर्यास्त: 05:49 बजे

ब्रह्म मुहूर्त: 04:43 से 05:33 बजे तक

विजय मुहूर्त: 02:01 से 02:46 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त: 05:49 से 06:14 बजे तक

निशिता मुहूर्त: 11:41 से 12:32 बजे तक

व्रत का महत्व

रमा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों, रोगों और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि इस व्रत से लक्ष्मी-नारायण की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन, सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। यह दिन जीवन में आध्यात्मिक उत्थान और सफलता प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर माना गया है।