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Dhanteras 2025: मां लक्ष्मी और कुबेर को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा, जानिए धनतेरस की पूजा विधि और सामग्री

Dhanteras 2025 Puja Vidhi धनतेरस 2025 का पर्व 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जानें पूजा का सही मुहूर्त, विधि, पूजन सामग्री लिस्ट और क्या खरीदें- क्या न खरीदें इस शुभ दिन पर।

2 min read

भारत

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Dimple Yadav

Oct 17, 2025

Dhanteras 2025

Dhanteras 2025 (photo- gemini ai)

Dhanteras 2025 Puja Muhurat Vidhi and Samagri List: धनतेरस दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए बेहद शुभ होता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक की गई पूजा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है और दरिद्रता को दूर करती है।

धनतेरस 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

साल 2025 में धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाया जाएगा।

प्रदोष काल: शाम 5:48 से रात 8:20 बजे तक

वृषभ काल: शाम 7:16 से रात 9:11 बजे तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 7:16 से रात 8:20 बजे तक

पूज्य देवता: भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव

लाभ: इस समय पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

धनतेरस पर वृषभ काल में पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समय माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सर्वोत्तम होता है।

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस की शुरुआत घर की साफ-सफाई से होती है। मुख्य द्वार पर सुंदर रंगोली बनाएं और दीपक जलाएं ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो। पूजा स्थान पर लाल या पीले कपड़े से सजी चौकी रखें। एक कलश में गंगाजल और स्वच्छ पानी भरें, आम के पत्ते लगाएं और नारियल रखें।

इसके बाद भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और गणेश जी की मूर्तियां या चित्र स्थापित करें। पूजा में हल्दी, कुमकुम, चंदन, फूल, धूप, दीप, मिठाई और मेवे का उपयोग करें। गाय के घी का बड़ा दीपक जलाएं और 13 छोटे दीपक घर के अलग-अलग कोनों में रखें। पूजा के बाद आरती करें और परिवार के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करें।

धनतेरस पर क्या खरीदें

सोना या चांदी के सिक्के, मां लक्ष्मी और कुबेर जी का प्रतीक माने जाते हैं। धातु के बर्तन (पीतल, तांबा, स्टील) ये घर में समृद्धि बढ़ाते हैं। नई झाड़ू, दरिद्रता दूर करने का प्रतीक। वाहन, मोबाइल, लैपटॉप या इलेक्ट्रॉनिक सामान, नई शुरुआत के लिए शुभ।
चांदी की मूर्तियां, लक्ष्मी कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम।

धनतेरस पर क्या न खरीदें

धनतेरस पर आप कांच के बर्तन, जल्दी टूटने से अशुभ माने जाते हैं। लोहा और एल्यूमिनियम, अशुद्ध धातु मानी जाती हैं। काले कपड़े या जूते, नकारात्मक ऊर्जा से जुड़े होते हैं। नुकीली वस्तुएं (छुरी, कैंची) क्लेश और कटुता का प्रतीक। धनतेरस पर सही समय और विधि से पूजा करने से न केवल घर में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि सालभर स्वास्थ्य और सौभाग्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।


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