Dhanteras 2025 Katha In Hindi (photo- gemini ai)
Dhanteras 2025 Katha In Hindi (धनतेरस 2025 कथा): धनतेरस का पर्व दीपावली की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा का होता है। इस दिन घर में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आगमन होता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति धनतेरस की पूजा पूरे विधि-विधान से करता है और कथा व आरती सुनता है, उसके घर कभी धन की कमी नहीं होती।
प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार राजा हिम के पुत्र की शादी तय हुई। लेकिन उसके जन्म के समय ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि विवाह के चौथे दिन उसकी मृत्यु सर्पदंश से हो जाएगी। यह सुनकर सब चिंतित हो गए। जब विवाह का समय आया तो उसकी पत्नी बहुत बुद्धिमान थी। उसने अपने पति को बचाने का उपाय किया।
वह रातभर दीपक जलाकर चौखट पर रखती रही और सोने-चांदी के गहनों, सिक्कों और बर्तनों का ढेर लगाकर एक चारपाई बना दी। पति को उसी पर बैठाकर उसने चारों ओर दीपक जला दिए और खुद गीत गाती रही। जब यमराज सर्प का रूप लेकर आए, तो दीपों की चमक और गहनों की रोशनी से उनकी आंखें चौंधिया गईं। वे अंदर नहीं जा सके और बिना कुछ किए लौट गए। इस तरह राजा हिम का पुत्र बच गया। उस दिन धनतेरस थी, तभी से यह पर्व “यमदीपदान” और धन की देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का प्रतीक बन गया।
धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई कर शाम के समय पूर्व दिशा में दीपक जलाएं। भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मीजी और कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें। तिल का तेल, दीपक, चंदन, फूल, धूप, नैवेद्य और प्रसाद अर्पित करें। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन या धातु की वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है।
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
इस आरती के बाद घर में शंख बजाकर दीप जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
Published on:
18 Oct 2025 10:00 am
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