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चीन-भूटान-म्यांमार सीमा तक मजबूत होगा रेल नेटवर्क

-मिजोरम को रेल सेवा से जोडऩे के बाद सिक्किम तक रेल लाइन पहुंचाने पर फोकस -चीन सीमा पर स्थित तवांग, वाकरो और मेचुका तक नई लाइनों के लिए अंतिम सर्वेक्षण पूरा

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शादाब अहमद

नई दिल्ली। भारत ने उत्तर-पूर्वी राज्यों में रेलवे नेटवर्क के विस्तार पर जोर बढ़ा दिया है। इसके लिए रेलवे के कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जिनका मकसद सिर्फ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाना नहीं है, बल्कि चीन, भूटान और म्यांमार सीमा से लगे इलाकों तक मज़बूत रेल नेटवर्क खड़ा करना भी है। इससे रणनीतिक दृष्टि से सुरक्षा मजबूत होगी और व्यापार के नए अवसर भी खुलेंगे।

दरअसल, उत्तर पूर्व के राज्यों सिक्किम से लेकर मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश तक नई रेल लाइनों का निर्माण तेज़ी से चल रहा है, जिससे पहली बार कई राज्य राजमार्गों के साथ-साथ रेल पटरियों से भी सीधे जुड़ेंगे। हाल में ही मिज़ोरम की 51 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन शुरू हुई है। इससे आइजोल तक ट्रेन पहुंच गई है। यहां करीब 77 हजार करोड़ रुपए की रेल परियोजनाओं में निवेश की सबसे बड़ी लहर चल रही है। चालू वित्तीय वर्ष में 10 हजार 440 करोड़ रुपए निर्धारित किए हैं। इससे यहां के बाशिंदों को रेल सेवा का फायदा मिलेगा, वहीं चीन, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने से इनका रणनीतिक और व्यापारिक महत्व भी है।

सीमांत इलाकों तक विस्तार

1. अरूणाचल प्रदेश: चीन से सटे इस राज्य में ट्रेन सेवा शुरू हुए करीब 11 साल हो चुके हैं। अब यहां विस्तार किया जा रहा है। इसके तहत मुरकोंगसेलेक-पासीघाट लाइन पर 15.6 किलोमीटर लंबी मुरकोंगसेलेक-सिले रेल लाइन को अक्टूबर तक और 10.55 किलोमीटर लंबी सिले-पासीघाट लाइन को फरवरी 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है। चीन सीमा के नजदीक स्थित तवांग, पासीघाट-परशुराम कुंड-वाकरो और बामे-आलो-मेचुका तक नई लाइनों के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) पूरा हो चुका है।

2. मणिपुर: म्यांमार सीमा से सटा इस राज्य में भी रेल सेवा विस्तार कार्य चल रहा है। जहां 110.625 किलोमीटर लंबी जिरीबाम-इम्फाल रेल लाइन का काम चल रहा है। इसके जिरीबाम-वांगाईचुंगपाओ और वांगाईचुंगपाओ-खोंगसांग खंड पहले ही चालू हो चुके हैं। वहीं 9.1 किलोमीटर लंबी खोंगसांग-अवांगखुल लाइन के मार्च 2026, 9.15 किलोमीटर लंबी अवांगखुल-नोनी लाइन के मार्च 2027 और 37.02 किलोमीटर लंबी नोनी-इम्फाल लाइन के मार्च 2028 तक शुरू होने की उम्मीद है।

3. त्रिपुरा: अगरतला-सबरूम लाइन 2016-19 के बीच पूरी हुई और बांग्लादेश सीमा से लगी त्रिपुरा की दक्षिणी सीमा तक रेल पहुंच गई। यहां पूरे नेटवर्क का विद्युतीकरण हो चुका है और अगरतला तक दोहरीकरण का कार्य भी योजना में है।

4. सिक्किम: भूटान और नेपाल सीमा के बीच स्थित इस राज्य में 44.96 किलोमीटर लंबी सेवोक-रंगपो रेल लाइन निर्माणाधीन है। इसके दिसंबर 2027 तक पूरी होने का लक्ष्य है, जो सिक्किम को पहला रेल संपर्क प्रदान करेगी।

5. नगालेंड: दीमापुर-कोहिमा नई लाइन का काम प्रगति पर है, जिसमें धनसिरी-शोखुवी खंड अक्टूबर 2021 में चालू हुआ और डोनी पोलो एक्सप्रेस शुरू हुई। वहीं शोखुवी-मोल्वोम खंड मार्च 2025 में पूरा हो गया, जबकि मोल्वोम से जुब्ज़ा (कोहिमा के पास) तक का शेष खंड प्रगति पर है। अक्टूबर 2026 तक मोल्वोम-फेरिमा खंड खुलने का अनुमान है, इसके बाद दिसंबर 2029 में फेरिमा-ज़ुब्ज़ा खंड के चालू होने की उम्मीद है। यह नगालैंड की राजधानी कोहिमा तक रेल संपर्क कायम करेगा।