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बिहार: अब महागठबंधन का अति पिछड़ा कार्ड

-सरकारी ठेकों में 50 फीसदी और नगर निकायों में 30 फीसदी आरक्षण -महागठबंधन ने जारी किया अति पिछड़ा समाज के लिए संकल्प पत्र

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नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने अति पिछड़ा कार्ड (इबीसी) का दाव खेला है। महागठबंधन ने समाज के लिए संकल्प पत्र जारी किया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पटना में अति पिछड़ा समाज सम्मेलन में इबीसी के लिए आरक्षण की 50 फीसदी की दीवार तोडऩे और सरकारी ठेकों में 50 फीसदी और नगर निकायों में 30 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया है।

दरअसल, पटना में कांग्रेस विस्तारित कार्यसमिति की बैठक के बाद महागठबंधन का अति पिछड़ा न्याय संकल्प सम्मेलन हुआ। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर इंडिया ब्लॉक सत्ता में आया तो वह आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को खत्म कर देगा। अति पिछड़ा वर्गों के लिए निजी संस्थानों और 25 करोड़ रुपए से अधिक के सरकारी ठेकों (निविदाओं) में आरक्षण सुनिश्चित करेगा। राहुल ने कहा कि आज भी देश में अतिपिछड़ा, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्गों को जितनी भागीदारी मिलनी चाहिए, वो नहीं मिलती है। हम जातिगत जनगणना कर दिखाना चाहते हैं कि देश में किसकी कितनी आबादी है- ये पूरे देश को पता चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में 20 साल से नीतीश कुमार की सरकार है, लेकिन उन्होंने अतिपिछड़ा समाज को न्याय दिलाने के लिए फैसले नहीं लिए। हमने अतिपिछड़ा समाज के साथ बैठक की, समाज के लोगों से बात की और अतिपिछड़ा न्याय संकल्प तैयार कर दिया। नीतीश कुमार सिर्फ वोट ले रहे थे और बदले में अतिपिछड़ा समाज के हक की आवाज दबा रहे थे। हमारा वादा है कि सरकार बनते ही अतिपिछड़ा न्याय संकल्प को लागू करेंगे। इस सम्मेलन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राजद नेता तेजस्वी यादव, वीआइपी पार्टी के मुकेश साहनी समेत अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने संबोधित किया।

जाति आधारित प्रदर्शन करने पर रोक लगाने पर भाजपा को घेरा

राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब जाति आधारित प्रदर्शन करना मना है। एक तरफ ऐसी सोच है, जबकि दूसरी तरफ हमारी सोच है। जहां हम अतिपिछड़ा समाज को विजन देना चाहते हैं। ये विजन हमारा या किसी पार्टी का नहीं है, बल्कि अतिपिछड़ा समाज का विजन है। इसी के तहत हमने अतिपिछड़ा समाज के नेताओं, लोगों से बातचीत कर 10 प्रमुख बिंदु तैयार किए हैं।

अतिपिछड़ा न्याय संकल्प की खास बातें

1. ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम पारित किया जाएगा

2. अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत और नगर निकाय में वर्तमान 20 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 30 फीसदी किया जाएगा

3. आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को बढ़ाने के लिए विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची मे शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजेंगे

4. नियुक्तियों की चयन प्रक्रिा में नोट फाउंड स्यूटेबल जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा

5. अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन से संबंधित सभी मामलों को कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा

6. अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी

7. यूपीए सरकार द्वारा पारित शिक्षा अधिकार अधिनियम (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन के लिए आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों के लिए निर्धारित किया जाएगा

8. 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।

9. संविधान की धारा 15 (5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन के लिए आरक्षण लागू किया जाएगा

10. आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएग।