फुलझड़ी की खेती ..बीकानेर में दीपावली पर बड़ी संख्या में फुलझड़ी तैयार होती है और देश के अलग-अलग हिस्सों में बिक्री के लिए सप्लाई होती है। दीपावली से करीब एक महीने पहले कारीगर भी इनको तैयार करने में जुट जाते है। बीकानेर की फुलझड़ी की इतनी डिमांड रहती है की यहां एक या दो नहीं बल्कि चार फैक्ट्रियां संचालित होती है। करमीसर रोड स्थित एक फैक्ट्री में फुलझडी तैयार करते कारीगर। फोटो- नौशाद अली
दीपावली की जगमगाहट में जो फुलझड़ियां आसमान तक रोशनी बिखेरती हैं, उनकी चमक की जड़ें बीकानेर की धरती में हैं। यहां दीपावली से करीब एक माह पहले से ही कारीगर रोशनी की खेती में जुट जाते हैं। बीकानेर में चार फुलझड़ी फैक्ट्रियां संचालित होती हैं, जहां से तैयार फुलझड़ियां देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई की जाती हैं। करमीसर रोड स्थित एक फैक्ट्री में कारीगर इन दिनों दिन-रात मेहनत कर फुलझड़ियां तैयार कर रहे हैं। हाथों में बारूद की गंध, आंखों में दीपों जैसी चमक लिए कारीगर दीपावली को रोशन करने का जतन कर रहे हैं। फोटो: नौशाद अली
फुलझड़ी की खेती ..बीकानेर में दीपावली पर बड़ी संख्या में फुलझड़ी तैयार होती है और देश के अलग-अलग हिस्सों में बिक्री के लिए सप्लाई होती है। दीपावली से करीब एक महीने पहले कारीगर भी इनको तैयार करने में जुट जाते है। बीकानेर की फुलझड़ी की इतनी डिमांड रहती है की यहां एक या दो नहीं बल्कि चार फैक्ट्रियां संचालित होती है। करमीसर रोड स्थित एक फैक्ट्री में फुलझडी तैयार करते कारीगर। फोटो- नौशाद अली
बीकानेर की फुलझड़ी की इतनी डिमांड रहती है की यहां एक या दो नहीं बल्कि चार फैक्ट्रियां संचालित होती है। करमीसर रोड स्थित एक फैक्ट्री में फुलझडी तैयार करते कारीगर। फोटो- नौशाद अली
बीकानेर की धरती में हैं। यहां दीपावली से करीब एक माह पहले से ही कारीगर रोशनी की खेती में जुट जाते हैं। बीकानेर में चार फुलझड़ी फैक्ट्रियां संचालित होती हैं, जहां से तैयार फुलझड़ियां देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई की जाती हैं। करमीसर रोड स्थित एक फैक्ट्री में कारीगर इन दिनों दिन-रात मेहनत कर फुलझड़ियां तैयार कर रहे हैं। हाथों में बारूद की गंध, आंखों में दीपों जैसी चमक लिए कारीगर दीपावली को रोशन करने का जतन कर रहे हैं। फोटो: नौशाद अली