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41 करोड़ राम नाम पर स्थापित होंगे पंचमुखी शिवलिंग

श्री नवलेश्वर मठ में बन रहे ​शिवालय में भगवान शंकर पंचमुखी ​शिवलिंग के रूप में स्थापित होंगे। भगवान भोलेनाथ मंदिर के गर्भगृह में 41 करोड़ राम नाम पर स्थापित होंगे। गर्भगृह की नींव में 14 हजार से अ​धिक राम नाम हस्तलि​खित पुस्तकें स्थापित की जा रही है। एक पुस्तक में 28 हजार 860 राम नाम लिखे हुए है। मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है।

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बीकानेर. बीकानेर में एक ऐसे ​शिव मंदिर का निर्माण हो रहा है, जहां भगवान शंकर 41 करोड़ राम नाम पर स्थापित होंगे। यह मंदिर शहर में गेमनापीर रोड ​िस्थत श्री नवलेश्वर मठ परिसर में बन रहा है। यहां भगवान शंकर पंचमुखी ​शिवलिंग स्वरूप में विराजमान होंगे। इस मंदिर के गर्भगृह की नींव में राम नाम लिखित पुस्तकें स्थापित की जा रही हैं। इन पुस्तकों पर भगवान शंकर पंचमुखी स्वरूप में विराजित होंगे। मंदिर गर्भगृह की नींव में हस्तलिखित राम नाम की हजारों पुस्तकों को स्थापित किया जा रहा है। पुस्तकें उपलब्ध करवाने में माहेश्वरी युवा संगठन शहर और बद्री नारायण पेडीवाल परिवार का सहयोग रहा। संगठन से जुड़े शेखर पेडीवाल के अनुसार, शिव मंदिर के गर्भगृह की नींव में 14 हजार से अधिक हस्तलिखित राम नाम की पुस्तकें स्थापित की गई हैं। इस अवसर पर गोविंद नाथ, कपिल लढ़ा, शेखर पेड़ीवाल, श्रीकांत करनानी सहित अन्य भक्त उपस्थित थे ।

एक पुस्तक, 28860 राम नाम

संगठन के अध्यक्ष कपिल लढ़ा के अनुसार, एक राम नाम पुस्तक में हस्तलिखित 28860 राम नाम लिखे जाते हैं। 14 हजार से अधिक पुस्तकों में 41 करोड़ हस्तलिखित राम नाम हैं, जिनकी नींव पर भगवान शिव स्थापित होंगे। शेखर मेडीवाल के अनुसार, नवलेश्वर मठ के अधिष्ठाता योगी शिवसत्यनाथ महाराज के आशीर्वाद से राम नाम लेखन का अद्भुत, पावन धार्मिक कार्य निरंतर जारी है ।

राम से बड़ा है रामका नाम

मठ के गोविंदनाथ ने संगठन के इस कार्य को पावन बताते हुए कहा कि भगवान राम से बड़ा है भगवान राम का नाम। राम नाम के लेखन से सुमिरन तो होता ही है, साथ ही लेखक का अंतर्मन भी श्री राम के दिव्य प्रेम व तेज से जागृत होता है। संगठन की ओर से रामभक्तों में इन पुस्तकों को वितरित किया जाता है। राम नाम लिखी पुस्तकों को पुन: एकत्र कर सुरक्षित रखा जाता है व मंदिर निर्माण के दौरान गर्भगृह की नींव में इनकों स्थापित किया जाता है। संगठन की ओर से पूर्व में नत्थूसर बास िस्थित श्री नवलेश्वर मठ में भगवान राम व राम परिवार मंदिर के गर्भगृह में हस्तलिखित राम नाम की पुस्तकों को नींव में स्थापित किया गया था।