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राजस्थान में बॉर्डर पर BSF अब ज्यादा बलशाली, सेना और प्रशासन के साथ समन्वय से बन रही अग्रिम मोर्चे की ताकत

ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ ने पश्चिमी सीमा पर अग्रिम मोर्चे की जिम्मेदारी निभाई। इसके लिए चार अधिकारियों को सम्मानित किया गया। सीमावर्ती ग्रामीणों के साथ बीएसएफ ने विश्वास का मजबूत रिश्ता कायम किया। इसके बलबूते बीएसएफ में बॉर्डर की सुरक्षा के साथ सेना की बैकबॉन की तरह कार्य करने का नया अध्याय जुड़ गया है।

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Rajasthan Border BSF

पश्चिमी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (फोटो- पत्रिका)

बीकानेर: प्रदेश से सटी 1037 किलोमीटर लंबी पश्चिमी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल अब बॉर्डर की निगरानी और सुरक्षा से एक कदम आगे सेना के सारथी की भूमिका को साबित कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य कार्रवाई से पहले और बाद में जो हालात बने, उनमें में बीएसएफ ने अग्रिम मोर्चे पर खुद को साबित किया।


इसके लिए सेना के उच्चाधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर में योगदान के लिए बीएसएफ के चार अधिकारियों को सम्मानित भी किया है। बीएसएफ की सबसे बड़ी ताकत दुश्मन देश पाकिस्तान के भीतर की गतिविधियों की सटीक जानकारी, वायु सेना और थल सेना सहित एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल और रियल टाइम सूचनाओं का साझा करना है।


सीमावर्ती ग्रामीणों के साथ बीएसएफ ने विश्वास का मजबूत रिश्ता कायम किया है। इसके बलबूते बीएसएफ में बॉर्डर की सुरक्षा के साथ सेना की बैकबॉन की तरह कार्य करने का नया अध्याय जुड़ गया है।


युद्ध के बदलते तरीकों में सेना अब बीएसएफ के जवानों को भी अपने सैनिक की तरह देखती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से सीमा में घुसपैठ से पहले ही 413 ड्रोन को एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से हवा में उड़ा दिया था। इस दौरान बीएसएफ ने एंटी ड्रोन गन और राइफल से फायर कर 100 से ज्यादा ड्रोन खदेड़े थे।


पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा चक्र


चार सेक्टर मुख्यालय बीएसएफ के, 19 बटालियन बीएसएफ की तैनात, 6,812 गांव सीमावर्ती जिलों में हैं। 300 के करीब सीमा चौकियां (बीओपी) है।


थल सेनाध्यक्ष भी बीएसएफ की पीठ थपथपा चुके


कुछ दिन पूर्व बॉर्डर दौरे के दौरान थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने घड़साना क्षेत्र के सीमावर्ती गांव 22 एमडी के पास बीएसएफ की अग्रिम सीमा चौकी पर पहुंचे थे। उन्होंने बीएसएफ के जवानों की पीठ थपथपाई और आगे के लिए ‘तैयारी पूरी रखने’ का इशारा किया। बीएसएफ के जवानों की टुकड़ी ने सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हेवी आर्टिलरी का सेना के साथ संयुक्त अभ्यास भी किया है।


सेना ने सम्मान से बढ़ाया मनोबल


भारतीय सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ ने बीएसएफ के डीआईजी अजय लूथरा, 140वीं बटालियन कमांडेंट प्रभाकर सिंह, उप कमांडेंट महेशचन्द्र जाट व सहायक कमांडेंट महेन्द्र सिंह को सम्मानित किया। उप कमांडेंट महेश चन्द्र जाट को बीएसएफ डीजी ने भी सम्मानित किया है।


यूं बदली भूमिका…


बीएसएफ 24 घंटे 365 दिन बॉर्डर की निगरानी करने वाला सशस्त्र बल है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन देश के मंसूबों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी कैंप की स्टीक जानकारी सेना को दी। सेना ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में 100 किमी अंदर इस आतंकी कैंप को नेस्तानाबूत किया। अब बीएसएफ को एंटी ड्रोन एयर डिफेंस सिस्टम से लैस किया जा रहा है। बीएसएफ को तकनीक रूप से मजबूत करने में सेना मदद कर रही है।


चार मुख्य घटक बीएसएफ की ताकत


बॉर्डर पर बीएसएफ फ्रंट पर रहती है। आर्मी, एयर फोर्स, सिविल एडमिनिस्ट्रेशन और बॉर्डर पॉपुलेशन यह चार मुख्य घटक हैं। इनके साथ बीएसएफ का बेहतर कॉर्डिनेशन है। युद्ध जैसे हालात में सीमा पर डटे रहने के साथ सीमावर्ती गांवों के लोगों को नहीं हटने दिया।


दुश्मन की तरफ से आने वाले हर खतरे का माकूल जवाब देने और पड़ोसी मुल्क की हर गतिविधि पर नजर रखने का काम किया है। सेना के साथ समन्वय बढ़ा है। बदले परिदृश्य में बीएसएफ की भूमिका और ज्यादा अहम हो गई है।
-एमएल गर्ग, बीएसएफ आईजी, राजस्थान फ्रंटियर