देशभर में जुलाई महीने में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह 7.5% बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यह लगातार सातवां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.8 लाख करोड़ से अधिक रहा, हालांकि यह वृद्धि की रफ्तार अप्रैल-जून की तुलना में कुछ धीमी पाई गई।
उत्तर प्रदेश की बात करें तो जुलाई में राज्य का जीएसटी संग्रह केवल 7 प्रतिशत बढ़ा, जो राष्ट्रीय औसत 7.5% से थोड़ा कम है। जबकि महाराष्ट्र 6% और गुजरात 3% जैसे बड़े औद्योगिक राज्य भी सीमित वृद्धि दर्ज कर रहे हैं, वहीं त्रिपुरा 41%, मेघालय 26%, सिक्किम 23% जैसे छोटे राज्यों ने जबरदस्त उछाल दिखाया है।
उत्तर प्रदेश में जीएसटी संग्रह में मामूली बढ़ोतरी दर्शाती है कि राज्य की आर्थिक गतिविधियां स्थिर जरूर हैं, परंतु अपेक्षित तेज़ी नहीं पकड़ पा रही हैं। दिल्ली 2% और जम्मू-कश्मीर 5% जैसे क्षेत्रों की तुलना में यूपी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन बिहार 16% और मध्य प्रदेश 18% की तुलना में पीछे है।
देशभर में जुलाई का सकल जीएसटी संग्रह इस प्रकार रहा:
हालांकि रिफंड में आई तेज़ वृद्धि (66.8% उछाल के साथ ₹27,147 करोड़) के चलते शुद्ध (नेट) जीएसटी संग्रह केवल 1.7% बढ़कर ₹1,68,588 करोड़ रहा।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े उपभोक्ता राज्य में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि के पीछे मुख्य कारणों में बाजार की मांग में अस्थिरता, इनवॉयसिंग में देरी, और रिफंड क्लेम में इजाफाशामिल हो सकते हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग PMI 59.1 के साथ 16 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंचा है, जो आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह को बल दे सकता है।
Published on:
02 Aug 2025 03:50 pm