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‘नीतीश को फिर से सीएम नहीं बनाएगी BJP’, बिहार की जनता को क्यों ये एहसास दिला रहे महागठबंधन के नेता

तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेता लगातार लोगों को एहसास दिला रहे हैं कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार सीएम नहीं होंगे। आखिर उनके इस बयान के पीछे सियासी मायने क्या हैं?...

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समस्तीपुर रैली में सीएम नीतीश कुमार

समस्तीपुर रैली में सीएम नीतीश कुमार

Bihar Elections: 2005 से अब तक बिहार की सियासत नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के ईर्द गिर्द घूम रही है। एक बार फिर बिहार विधानसभा चुनाव के केंद्र में नीतीश कुमार आ गए हैं। '25 से 30 फिर से नीतीश' का नारा NDA के खेमे से दिया जा रहा है। महागठबंधन की तरफ से सीएम फेस तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने घोषणा पत्र 'तेजस्वी प्रण' जारी करते हुए कहा कि नीतीश कठपुतली हैं। उन्होंने NDA पर मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित न करने के लिए मजाक उड़ाया। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी तेजस्वी के नाम का ऐलान करते हुए कहा था कि हमारे सीएम फेस तेजस्वी यादव हैं, हम एनडीए (NDA) से पूछना चाहते हैं कि उनके सीएम फेस कौन हैं?

'नीतीश कुमार बिहार के सीएम नहीं बनेंगे'

सीएम फेस के ऐलान होने के बाद से तेजस्वी लगातार बिहार की जनता को यह बात समझाने में जुटे हैं। उन्होंने अमित शाह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री पहले ही कन्फर्म कर चुके हैं कि नीतीश कुमार बिहार के CM नहीं बनेंगे। शाह ने कहा था कि सभी MLA बिहार के CM का फैसला करेंगे। तेजस्वी ने कहा कि BJP चुनाव के बाद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। तेजस्वी ने कहा कि INDIA गठबंधन ने मुझे CM चेहरा घोषित किया है, लेकिन NDA ने यह घोषित करने के लिए एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की कि NDA का CM चेहरा कौन होगा।

मुकेश सहनी भी बोले- नीतीश को CM नहीं बनाएगी भाजपा

VIP सुप्रीमो और महागठबंधन की तरफ से बिहार के डिप्टी सीएम फेस मुकेश सहनी ने कहा कि NDA में अब तक मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री पद की घोषणा भी नहीं हुई है। जैसे महाराष्ट्र में शिंदे के नाम पर चुनाव लड़े और बाद में फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया गया। एमपी में शिवराज के चेहरे पर चुनाव लड़कर मोहन यादव को सीएम बनाया गया। उसी तरह का हथकंडा भाजपा यहां भी अपनाएगी।

सहनी ने कहा कि भाजपा मुस्लिम को देश से बाहर भेजना चाहती है। उन्हें तकलीफ इस बात की है कि एक अति पिछड़े समाज का बेटा उपमुख्यमंत्री कैसे बन जाएगा। वे भाई-भाई को लड़ाना चाहते हैं। हम सभी जाति सभी धर्म के लोगों को सम्मान देंगे। हम बांटने वाली राजनीति नहीं करते।

नीतीश के चेहरे की काट नहीं

सियासी जानकार कहते हैं कि राजद नेता तेजस्वी यादव भी इस बात को जानते हैं कि नीतीश के चेहरे की काट नहीं है। नीतीश की छवि कमोबेश बेदाग रही है। इसके साथ ही, EBC और महिला वोटरों का एक बड़ा हिस्से का जुड़ाव सीधे नीतीश कुमार से है। जब तक इस वर्ग को यह एहसास नहीं हो जाता कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश सीएम नहीं रहेंगे, तब तक उन्हें अपने पाले में करना बेहद मुश्किल है। जिन जीविका दीदी को तेजस्वी ने मासिक आय 30 हजार रुपए करने का वादा किया है। वह नीतीश कुमार की अदृश्य ताकत बताई जाती है। इसके साथ ही, नीतीश कुमार कुर्मी, कुशावाहा, धानुक, मल्लाह सहित अन्य पिछड़ी जातियों को लामबंद करके सत्ता में बने हुए हैं। वहीं, सवर्णों का एक बड़ा वर्ग भी नीतीश के साथ है।

25 से 30 फिर से नीतीश

साल के शुरुआत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसावल ने कहा था कि नीतीश के नेतृत्व में चुनाव, लेकिन CM चेहरा NDA संसदीय बोर्ड तय करेगा, लेकिन जैसे ही महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी के सीएम फेस होने का ऐलान हुआ बीजेपी नेताओं के सुर ही बदल गए। कई रैलियों में बीजेपी नेता कहने लगे 25 से 30 फिर से नीतीश। पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी कहा कि नीतीश सीएम थे, सीएम हैं और सीएम ही रहेंगे।

बीजेपी के साथ सुर में सुर मिलाने वाले चिराग और मांझी भी इस बात को लगातार दोहरा रहे हैं कि नीतीश से योग्य और कोई नहीं है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य भी बिहार की चुनावी रैलियों में इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि 14 नवंबर के बाद भी नीतीश कुमार ही सीएम रहेंगे। जदयू नेता अरुण कुमार ने कहा कि 2025 के चुनाव में एक बार फिर NDA दो तिहाई बहुमत से चुनाव जीतेगी। नीतीश और मोदी के नेतृत्व में बिहार में विकास का कारवां बढ़ता जाएगा।