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हर दिन हमारे जीवन में घुल रहे जहरीले केमिकल्स, विशेषज्ञों से जानिए डील करने का तरीका

Toxic Chemicals In Daily Life : हर दिन हम जाने अनजाने में जहरीले केमिकल्स को शरीर के अंदर ले रहे हैं। एनवायरोमेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया है कि ये गंभीर बीमारियों का कारण भी बन रहे हैं। जानिए इन खतरनाक केमिकल्स से बचने के उपाय।

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जहरीले केमिकल्स की प्रतीकात्मक फोटो | Photo- Freepik | Design- Patrika

Toxic Chemicals In Daily Life : हमारे हर दिन के जीवन में जहरीले केमिकल्स से सांस, पानी, खाना आदि के जरिए घुल रहे हैं। शोध बताते हैं कि इसके कारण कई प्रकार के गंभीर हेल्थ इश्यू भी हो रहे हैं। पर, लोग अक्सर इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि इन खतरनाक चीजों से कैसे बचा जाए।

'द वाशिंगटन पोस्ट' ने एनवायरोमेंटल हेल्थ एक्सपर्ट् के साथ बातचीत की है जिसके जरिए खतरनाक केमिकल्स के रिस्क काफी हद तक कम किया जा सकता है।

नेशनल एनवायरोमेंटल हेल्थ एसोसिएशन के सीनियर प्रोग्रामर चेरिस वॉकर ने कहा, एनवायरोमेंटल हेल्थ डराने का नहीं बल्कि जागरूक करने का विषय है।

1- पानी को फिल्टर करने पर विचार करें

प्रदूषित पेयजल देश भर में एक बढ़ती हुई समस्या है। इसको लेकर आम लोग चिंतित हैं। चाहे समस्या सीसे के पाइपों की हो या औद्योगिक प्रदूषण से निकलने वाले केमिकल्स की, पानी के दूषित पदार्थों से खुद को बचाने का सबसे आसान तरीका है यूज करने से पहले पानी को फिल्टर करें।

अधिकतर अमेरिकी अपना पीने का पानी पब्लिक वाटर सिस्टम से ही इस्तेमाल करते हैं। इस पर वॉकर ने कहा, "नल पर ही फिल्टरेशन करना हमेशा अच्छा होता है।"

विशेषज्ञ आमतौर पर बोतलबंद पानी के बजाय फिल्टर किया हुआ पानी पीने की सलाह देते हैं, क्योंकि अध्ययनों से पता चला है कि बोतलबंद पानी में अक्सर माइक्रोप्लास्टिक जैसे दूषित पदार्थ मिलते हैं।

2- प्लास्टिक की जगह कांच का इस्तेमाल करें

माइक्रोप्लास्टिक की बात करें तो, ये छोटे-छोटे प्लास्टिक के टुकड़े एक बढ़ता हुआ हेल्थ इश्यू है। इसको लेकर वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं। हालांकि माइक्रोप्लास्टिक से पूरी तरह बचना मुश्किल हो सकता है, लेकिन एक आसान उपाय है जिससे आप इनका सेवन कम कर सकते हैं। प्लास्टिक को हीट से दूर रखें। क्योंकि, अध्ययनों से पता चला है कि गर्मी के कारण माइक्रोप्लास्टिक और अन्य रसायन खाने-पीने की चीजों में पहुंचते हैं।

प्लास्टिक के कंटेनरों में गर्म खाना या लिक्विड चीजों को डालने या माइक्रोवेव में प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करें।

ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के जनसंख्या एवं जन स्वास्थ्य स्कूल की प्रोफेसर करेन बार्टलेट ने कहा, "अपने खाने को कांच के कंटेनर में डालने में बस कुछ ही पल लगते हैं, और इस तरह आप खुद को माइक्रोप्लास्टिक से बचा सकते हैं।"

3- सीफूड्स का खानपान सीमित करें

शोध बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक के कण सीफूड्स आदि में मिल रहे हैं। अगर आप इस तरह की चीजों का सेवन करते हैं तो संभावना है कि आप अधिक माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में जा रहे हैं या उनको अपने अंदर ले रहे हैं।

मैरीलैंड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की प्रोफेसर एमी रेबेका सपकोटा, छोटी मछलियां को खाने का सुझाव देती हैं, जिनमें आमतौर पर भारी मेटल्स का स्तर कम होता है।

4- घर में आर्टिफिशियल सेंट का प्रयोग कम करें

एयर फ्रेशनर, मोमबत्तियां आदि से घर को महकाने का काम किया जाता है। लेकिन ये आपके घर की वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। शोध के मुताबिक, एयर फ्रेशनर 100 से अधिक रसायन उत्सर्जित कर सकते हैं, जिनमें फॉर्मल्डिहाइड, बेंजीन जैसे कार्बनिक यौगिक हैं जो वायु प्रदूषक होते हैं। इससे एलर्जी, सांस संबंधी जटिलताएं और सिरदर्द जैसी समस्या हो सकती है।

सपकोटा ने कहा, "हम में से अधिकतर लोगों के पास अत्यधिक महकाने वाली चीजें हैं, जिनका संभलकर इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही कोशिश होनी चाहिए कि हम एनवायरोमेंटल फ्रेंडली चीजों का ही इस्तेमाल करें।"

5- मास्क और एयर फिल्टर का यूज करें

शिकागो के इलिनोइस विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में शोध सहायक प्रोफेसर सुसान कपलान ने कहा, "वायु गुणवत्ता का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है"।

हवा मिल रहे धुएं आदि हृदय और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कपलान ने कहा कि वह घर से निकलने से पहले अक्सर बाहर की वायु गुणवत्ता की जांच करती हैं। कई ऐप और वेबसाइट स्थानीय वायु गुणवत्ता के बारे में रीयल-टाइम डेटा प्रदान करते हैं। उनका कहना है कि अगर वायु गुणवत्ता खराब होती है, तो वह खिड़कियां बंद कर देती हैं और घर पर लगा एयर प्यूरीफायर चालू कर देती हैं।

कैसा मास्क पहनना सही?

एक अच्छा मास्क पहनने से मदद मिल सकती है। N95 मास्क इस तरह के वायु प्रदूषण से बचाने का काम कर सकते हैं। इसके लिए सर्जिकल या कपड़े के मास्क उतनी सुरक्षा प्रदान नहीं करते।

6- नॉनस्टिक पैन को बदलें

नॉनस्टिक पैन पर कोटिंग के लिए पर-पॉलीफ्लोरोएल्काइल पदार्थों, या PFAS, का इस्तेमाल करते हैं, और इन रसायनों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारक माना गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि नॉन स्टिक पैन पर घिसावट और अधिक गरम होने से खाने में रसायनों के रिसाव को बढ़ावा दे सकते हैं। एक्सपर्ट कपलान ने कहा, "जब नॉनस्टिक बर्तनों पर खरोंच पड़ने लगती है, तो इसका मतलब है कि इससे PFAS का खतरा बढ़ जाता है।"

समय के साथ, कपलान ने अपने नॉनस्टिक बर्तनों के घिस जाने के कारण उन्हें कच्चे लोहे और स्टेनलेस स्टील से बदल दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि लोग एक साथ सभी नॉनस्टिक बर्तनों को फेंकने के बजाय धीरे-धीरे यह बदलाव कर सकते हैं।

(वॉशिंग्टन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)