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अल-शरा की व्हाइट हाउस यात्रा: कल थे अलकायदा के आतंकी, आज व्हाइट हाउस के मेहमान, क्या सीरिया को मिलेगी नई सुबह?

सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल शरा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। पढ़ें पूरी खबर...

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सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और सउदी क्राउन प्रिंस सलमान (फोटो-X account - @MArizanti)

Ahmed al-Sharaa Trump Meeting : सीरिया में असद रिजीम के पतन के बाद वहां अहमद अल शरा शासन कर रहे हैं। वह 29 जनवरी 2025 को सीरिया के नए राष्ट्रपति बने। अहमद अल शरा जिन्हें पहले अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नाम से जाना जाता था, वह कुछ समय पहले तक अमेरिकी मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।

10 नवंबर को व्हाइट हाउस में वह मेहमान बनकर पहुंचेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, शरा की मेजबानी करेंगे। जोलानी और ट्रंप की यह दूसरी मुलाकात है। पहली बार अल जुलानी और ट्रंप की मुलाकात सउदी की राजधानी रियाद में हुई थी। उस समय ट्रंप ने अल-शरा को "युवा और मजबूत नेता" कहा था।

व्हाइट हाउस में पहला सीरियाई राष्ट्रपति का दौरा

खास बात यह है कि यह किसी भी सीरियाई राष्ट्रपति का व्हाइट हाउस में पहला दौरा होगा। अल शरा सीरिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से मुक्त करने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने भूतकाल से पीछा छुड़ाने की भी भरसक कोशिश की है। विदेशी मीडिया को दिए एक बयान में अमेरिकी दूत टॉम बैरक ने कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ISIS के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

बैरक ने उत्साहित होते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक कदम होगा। सीरिया अब नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा है। हम इस साझेदारी को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के बाद इजरायल-सीरिया के बीच अमेरिकी मध्यस्थता में पांचवें दौर की वार्ता हो सकती है। ट्रंप लगातार मध्य एशिया में शांति व स्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं।

कौन हैं अहमद अल शरा

अहमद अल शरा का जन्म सउदी अरब के रियाद में एक सीरियाई सुन्नी परिवार में हुआ था। उनका परिवार साल 1989 में सीरिया के गोलान हाइट्स (इस पर अब इजरायल का कब्जा है) के पास लौटा। 2003 के अमेरिकी इराक आक्रमण के बाद अल-शरा ने अल-कायदा में शामिल होकर यूएस सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। हालांकि वह साल 2006 में गिरफ्तार हो गए और 2011 तक जेल में कैद रहे। कैद से निकलने के बाद वह सीरिया में असद रिजीम के खिलाफ विद्रोही गुट में शामिल हो गए। फिर 2012 में अल-नुसरा फ्रंट की स्थापना की और 2016 में अल-कायदा से अलग होकर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) बनाया। दिसंबर 2024 में असद रिजीम के गिरने के बाद सीरिया के सुप्रीम नेता बने और फिर राष्ट्रपति बने। इस दौरान अमेरिका ने उनके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ था। जुलाई 2025 में अमेरिका ने एचटीएस को आतंकी सूची से हटा लिया, जिससे प्रतिबंधों में ढील मिली।

राष्ट्रपति बनने के बाद अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का वादा किया

अहमद अल शरा ने सीरिया की कमान संभालने के बाद देश के अल्पसंख्यकों (अलावाइट, ईसाई, द्रूज) को सुरक्षा का भरोसा दिलाया, लेकिन शरा के सत्ता में आते ही अलावाइट समुदाय के नरसंहार की तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए थे। दरअसल, सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति असद और उनका परिवार अलावाइट समुदाय से ताल्लुक रखता थे। असद का परिवार बीते 50 सालों से सीरिया पर शासन कर रहा था। इसलिए सत्ता परिवर्तन के बाद अलावाइट समुदाय के लोग निशाने पर आ गए। अलावाइट इस्लाम के शिया पंथ से खुद को जोड़ता है।

क्या सीरिया को मिलेगी नई सुबह

सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अल-शरा का 9 मिनट का भाषण 60 वर्षों में किसी सीरियाई राष्ट्रपति का पहला था। उन्होंने कहा, "सीरिया की कहानी अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष की है। हमने दशकों तक अन्याय सहा, लेकिन अब गरिमा की रक्षा के लिए आगे आए हैं।" उन्होंने असद शासन को "उत्पीड़न" बताया, जिसमें 10 लाख मौतें हुईं, और नए संस्थानों, चुनाव योजनाओं तथा निवेश का जिक्र किया। अल शरा ने संयुक्त राष्ट्र से सीरिया पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने की मांग की थी। विश्लेषकों का कहना है कि यह दौरा अल-शरा की वैश्विक छवि को मजबूत करेगा, लेकिन उनके लिए चुनौतियां बरकरार हैं। ISIS का पुनरुत्थान, कुर्द विद्रोह और आर्थिक तबाही से निपटना होगा।