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ये हैं नीतीश के ‘सूरमा’, कोई 10वीं तो कोई नौवीं बार है चुनावी मैदान में ठोक रहे खम, इस बार इन 18 नए चेहरों को मिला मौका

Bihar Assembly elections: बिहार विधानसभा चुनाव में दसवीं जीत दर्ज कर हरिनारायण सिंह रिकॉर्ड स्थापित कर सकते हैं। जदयू ने एक बार फिर उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। पढ़ें पूरी खबर...

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nitish kumar

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Photo-patika )

Bihar Assembly elections: बिहार विधानसभा चुनाव में कई सूरमा मैदान में हैं। नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एक बार फिर नए चेहरों के साथ-साथ पुराने नेताओं को पार्टी का टिकट दिया है। हरनौत से हरिनारायण सिंह (Harinarayan Singh) नौ बार से विधायक हैं। वह दसवीं बार जदयू (JDU) की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सुपौल की सीट से विजेंद्र यादव (Vijendra Yadav) बीते 1990 से विधानसभा चुनाव से चुनाव जीतते आ रहे हैं। जबकि श्रवण कुमार (Shravan Kumar) नालंदा से लगातार सात चुनाव जीत चुके हैं। विजय चौधरी भी लगातार 6 चुनाव जीत चुके हैं।

हरिनारायण सिंह बना सकते हैं रिकॉर्ड

बिहार में 9 बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले तीन नेता रहे हैं। ये तीनों हैं- हरिनारायण सिंह, सदानंद सिंह और रमई राम। सदानंद सिंह और रमई राम का निधन हो चुका है। यदि हरिनारायण दसवीं बार चुनाव जीतते हैं, तो यह बिहार विधानसभा में रिकॉर्ड स्थापित करने जैसा होगा।

सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालांदा के हरनौत से विधायक हरिनारायण इस बार अपने बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन नीतीश कुमार इस बात के लिए तैयार नहीं हुए। कहा जाता है कि जदयू में इस बार टिकट कटने की भी चर्चा थी, लेकिन उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है।

हरिनारायण सिंह 1977, 1983, 1990, 2000, 2005 (फरवरी), 2005 (अक्टूबर), 2010, 2015 और 2020 का विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। अपनी जीत को लेकर हरिनारायण सिंह कहते हैं कि जनता के बीच रहना और उनकी समस्याओं को सुनना मेरी लोकप्रियता की वजह है। उनके दुख-सुख में साथ रहता हूं।यही कारण है कि चुनाव में जनता मेरे साथ खड़ी रहती है। इस बार भी जनता और नीतीश कुमार का विश्वास मेरे साथ है। 10वीं बार जीतकर रिकॉर्ड बनाऊंगा।

विजेंद्र यादव 8 बार और श्रवण कुमार 7 बार जीत चुके हैं चुनाव

विजेंद्र यादव वर्तमान में बिहार सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं और सुपौल विधानसभा सीट से लगातार नौवीं बार उम्मीदवार हैं। पटना के सियासी गलियारी में चर्चा थी कि इस बार जदयू नेताओं की तरफ से उन्हें चुनाव नहीं लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन जब यह बात नीतीश को पता चली तो वे नाराज हो गए। नीतीश ने कहा कि अगर सुपौल से विजेंद्र यादव चुनाव नहीं लड़ेंगे तो कौन लड़ेगा? इसके बाद पार्टी ने उन्हें एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है। विजेंद्र यादव 1995 से चुनाव जीतते आ रहे हैं।

श्रवण कुमार भी नालंदा विधानसभा सीट से लगातार आठवीं बार उम्मीदवार हैं। नालंदा सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गढ़ मानी जाती है। कुशवाहा समुदाय से आने वाले श्रवण कुमार साल 2000 से चुनाव जीतते आ रहे हैं। वहीं, नीतीश कुमार के करीबी विजय चौधरी भी 6 बार से विधायक हैं। वह सातवीं बार चुनावी मैदान में हैं।

वहीं, भाजपा से प्रेम कुमार गया सीट से लगातार नौवीं बार उम्मीदवार हैं। भूमिहार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रेम कुमार की इलाके में मजबूत पकड़ है। वह साल 1990 से चुनाव जीतते आ रहे हैं।

जदयू ने 18 नए उम्मीदवारों का दिए टिकट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जदयू ने 18 ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा है जो पहली बार अपने लिए वोट मांगते दिखेंगे। ये हैं-

क्रमांकनिर्वाचन क्षेत्रउम्मीदवार का नाम
1सिकटासमृद्ध वर्मा
2नरकटियाविशाल साह
3डुमरांवराहुल सिंह
4इस्लामपुररुहेल रंजन
5खगड़ियाबबलू मंडल
6चेरिया बरियारपुरअभिषेक कुमार
7विभूतिपुररवीना कुशवाहा
8बड़हरियाइंद्रदेव पटेल
9रघुनाथपुरविकास कुमार सिंह
10सकराआदित्य कुमार
11दरभंगा ग्रामीणईश्वर मंडल
12लौकहासतीश साह
13सुरसंडनागेंद्र राउत
14शिवहरश्वेता गुप्ता
15त्रिवेणीगंजसोनम रानी सरदार
16वारिसनगरडा. मांजरिक मृणाल
17कुशेश्वर स्थानअतिरेक कुमार
18घोसीऋतुराज

करुणानिधि 13 बार जीते विधानसभा चुनाव

तमिलनाडु के पूर्व सीएम व DMK के अध्यक्ष रहे एम करुणानिधि 13 बार विधानसभा चुनाव जीते। वे 1957 में पहली बार विधायक बने और 2018 में निधन तक 61 वर्षों तक विधायक रहे। महाराष्ट्र के गणपत राव देशमुख 11 बार विधानसभा चुनाव जीते और 54 वर्ष तक विधायक रहे। उनकी सियासी पारी 1962 से शुरू हुई थी। केरल के पूर्व सीएम ओमन चांडी ने 11 बार विधानसभा चुनाव जीता। पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने 10 बार लगातार विधानसभा चुनाव जीते।