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पुरानी पेंशन स्कीम के लिए आंदोलन भी हो जाए पर मोदी सरकार इस फैसले से डिगने वाली नहीं : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि OPS को इसलिए खत्म किया गया था क्योंकि यह सरकार के खजाने पर बोझ डाल रही थी।

भारत

Ashish Deep

Aug 14, 2025

Old Pension : कर्मचारियों ने निकाली रैली, कहा- हम तो एनपीएस भी नहीं चाहते थे सरकार ने यूपीएस बना दिया
Old Pension : कर्मचारियों ने निकाली रैली, कहा- हम तो एनपीएस भी नहीं चाहते थे सरकार ने यूपीएस बना दिया

सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के लागू होने की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फिर गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने साफ कहा दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए पुरानी पेंशन योजना किसी हाल में लागू नहीं होगी।सरकार ने एक बार फिर साफ किया कि केंद्र के National Pension System (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली पर कोई सोच-विचार नहीं चल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि OPS को इसलिए खत्म किया गया था क्योंकि यह सरकार के खजाने पर बोझ डाल रही थी। उन्होंने बताया कि NPS एक Defined Contribution Based Scheme है, जिसे 1 जनवरी 2004 या उसके बाद सेवा में आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया।

OPS से UPS तक का सफर

वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को पेंशन का बेहतर फायदा देने के लिए केंद्र सरकार ने पूर्व वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। इस समिति ने एक्सपर्ट से बातचीत कर कई सुझाव दिए, जिसके बाद NPS के अंतर्गत Unified Pension Scheme (UPS) को एक च्वाइस के रूप में सरकारी कर्मचारियों को ऑफर किया गया। UPS का लक्ष्य NPS से जुड़े केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एश्योर्ड बेनिफिट उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें एक समान पेंशन मिले और साथ ही फंड की वित्तीय स्थिरता भी बनी रहे।

परिवार की परिभाषा को लेकर विवाद

संसद में सवाल में किया गया था कि UPS में अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटियों, बेरोजगार बेटों और आश्रित माता-पिता को 'परिवार' की परिभाषा में क्यों शामिल नहीं किया गया? वित्त मंत्री ने कहा कि UPS की खासियतों, जिसमें परिवार की परिभाषा भी शामिल है, को इस तरह डिजाइन किया गया है कि पेंशन भी मिलती रहे और फंड पर वित्तीय दबाव न पड़े।

विशेष परिस्थितियों में अन्य फायदे भी

सरकार ने साफ किया कि जो कर्मचारी UPS को चुनेंगे और अगर सेवा के दौरान उनकी मौत हो जाती है या अक्षम/विकलांगता के आधार पर सेवा से मुक्त कर दिए जाते हैं, तो वे CCS (Pension) Rules, 2021 या CCS (Extraordinary Pension) Rules, 2023 के तहत फायदा पाने के भी पात्र होंगे।

UPS में पेंशन की कैलकुलेशन का तरीका

वित्त मंत्री ने बताया कि UPS को 24 जनवरी 2025 को सरकारी अधिसूचना के जरिए लागू किया गया। इसे NPS के तहत एक विकल्प के रूप में शुरू किया गया है। इसके तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट पर Assured Payout मिलेगा, जो कि सेवानिवृत्ति से ठीक पहले के 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% होगा। यह सुविधा केवल तब मिलेगी जब कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की Service पूरी की हो। अगर सर्विस इससे कम है तो पेंशन का पेमेंट अनुपात के आधार पर किया जाएगा।

OPS बनाम UPS में अंतर

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन सरकारी खजाने से दी जाती थी और यह वेतनमान के मुताबिक पूरी तरह से निश्चित होती थी। वहीं, नई पेंशन प्रणाली (NPS) में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के योगदान का निवेश होता है और पेंशन रकम निवेश के रिटर्न पर निर्भर करती है। UPS में इस अंतर को कम करने की कोशिश है, जिसमें NPS में OPS जैसी कुछ निश्चित गारंटी दी जा रही है।

सरकार का क्या है कहना

OPS को खत्म करने का मुख्य कारण वित्तीय बोझ बताया गया है। OPS में पेंशन का पेमेंट पूरी तरह से सरकारी राजस्व पर निर्भर था, जबकि कर्मचारियों की संख्या और औसत आयु बढ़ने से भविष्य में यह बोझ तेजी से बढ़ सकता था। UPS के डिजाइन में यह ध्यान रखा गया है कि कर्मचारियों को एक तय पेंशन मिले, लेकिन फंड भी स्टेबल रहे।

कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया

हालांकि सरकार के इस रुख से कर्मचारी संगठनों में निराशा है। संयुक्त कर्मचारी परिषद के महामंत्री आरके वर्मा के मुताबिक हम लोग लगातार OPS की बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि NPS या UPS में पेंशन OPS जितनी स्थिर और फायदेमंद नहीं है। उनका तर्क है कि UPS में भी कुछ सीमाएं हैं, जैसे परिवार की परिभाषा और पेंशन की रकम का 50% पर सीमित रहना।