Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

mRNA Vaccine Cancer : कोविड वैक्सीन की तकनीक से कैंसर के इलाज में क्रांति, शोध में खुला इम्यून सिस्टम को जगाने का राज

mRNA vaccine cancer research : कोविड-19 महामारी में बनी mRNA वैक्सीन अब कैंसर के इलाज में नई उम्मीद बन रही है। फेफड़े और त्वचा कैंसर के मरीजों पर किए गए शोध में चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं — mRNA तकनीक इम्यून सिस्टम को कैंसर से लड़ने में और ज्यादा ताकतवर बना रही है।

3 min read

भारत

image

Manoj Vashisth

Oct 21, 2025

mRNA Vaccine Cancer Treatment

mRNA Vaccine Cancer Treatment

mRNA Vaccine Cancer Treatment : कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया को बचाने वाली mRNA वैक्सीन अब कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई को एक नया मोड़ दे सकती है। एक हालिया अध्ययन ने इस बात की ओर इशारा किया है कि यह शानदार तकनीक फेफड़े और त्वचा के उन्नत कैंसर के इलाज में गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

विज्ञान का बड़ा कदम

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने इस खोज को युग को परिभाषित करने वाला पल बताया है। यह दस साल से अधिक समय से चल रहे उस शोध का नतीजा है, जिसका मकसद mRNA-आधारित दवाओं के जरिए हमारे इम्यून सिस्टम को जगाना है, ताकि वह कैंसर कोशिकाओं को पहचान कर उन पर हमला कर सके।

हैरान कर देने वाले नतीजे

जर्मनी के बर्लिन में चल रहे 2025 यूरोपियन सोसाइटी फॉर मेडिकल ऑन्कोलॉजी (ESMO) कांग्रेस में पेश किए गए इस अध्ययन के निष्कर्ष वाकई चौंकाने वाले हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन मरीजों को इम्यूनोथेरेपी (कैंसर के इलाज का एक तरीका) शुरू करने के 100 दिनों के भीतर COVID-19 mRNA वैक्सीन लगाई गई थी, वे उन मरीजों की तुलना में काफी ज्यादा समय तक जीवित रहे जिन्हें टीका नहीं लगा था।

यह विश्लेषण 1,000 से अधिक उन्नत फेफड़े (स्टेज 3 और 4 नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर) और त्वचा कैंसर (मेटास्टेटिक मेलानोमा) के मरीजों के रिकॉर्ड पर आधारित है, जिनका इलाज 2019 से 2023 के बीच किया गया था।

सबसे बड़ा फ़ायदा उन मरीजों में दिखा, जिनसे मजबूत इम्यून प्रतिक्रिया की उम्मीद कम थी।

यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. एलियास सयूर का कहना है कि इसके परिणाम असाधारण हैं, यह ऑन्कोलॉजी (कैंसर विज्ञान) के पूरे क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। उनका मानना है कि इस खोज से एक बेहतर 'यूनिवर्सल, ऑफ-द-शेल्फ कैंसर वैक्सीन' बनाने का रास्ता खुल सकता है जो सभी कैंसर मरीजों के लिए उपलब्ध हो।

mRNA तकनीक कैसे काम करती है? | mRNA Technology Cancer Treatment

mRNA का मतलब है मैसेंजर आरएनए। यह हमारे शरीर की हर कोशिका में मौजूद होता है और कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है।

कोविड वैक्सीन में, mRNA ने हमारी कोशिकाओं को कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन बनाने का निर्देश दिया, जिससे शरीर ने इस नकली दुश्मन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाना सीख लिया।

कैंसर के मामले में, वैज्ञानिक इसी तकनीक का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ इम्यून सिस्टम को ट्रेनिंग दे रहे हैं:

कैंसर की पहचान: COVID वैक्सीन ने गलती से या अनजाने में इम्यून सिस्टम को इतना एक्टिव कर दिया कि वह कैंसर की कोशिकाओं को बेहतर तरीके से पहचानने लगा।

व्यक्तिगत वैक्सीन: भविष्य में, mRNA तकनीक की मदद से डॉक्टर मरीज के ट्यूमर से जानकारी लेकर एक पर्सनलाइज़्ड वैक्सीन बना सकेंगे। यह टीका सिर्फ कैंसर वाली कोशिकाओं को निशाना बनाएगा, जिससे कीमोथेरेपी जैसे हानिकारक इलाज की जरूरत कम हो सकती है। (यह काम रूस, मॉडर्ना और अन्य कंपनियां भी कर रही हैं।)

इम्यूनोथेरेपी और mRNA वैक्सीन का सहयोग एक तरह से हमारे शरीर की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना है

इम्यूनोथेरेपी क्या करती है? (हथियार से लॉक हटाना)



कैंसर कोशिकाएं बहुत चालाक होती हैं। वे एक तरह का चेकपॉइंट प्रोटीन (जैसे PD-L1) बनाकर इम्यून कोशिकाओं (T-Cells) को खुद पर हमला करने से रोकती हैं। यह एक तरह का ब्रेक होता है जो इम्यून सिस्टम को निष्क्रिय कर देता है।

इम्यूनोथेरेपी दवाएं (जैसे PD-1 या PD-L1 इनहिबिटर) इसी ब्रेक को हटा देती हैं। यह इम्यून कोशिकाओं को फिर से एक्टिवेट कर देती है, जिससे वे कैंसर कोशिकाओं को मारना शुरू कर सकें।

2. mRNA वैक्सीन क्या करती है? (इम्यून सिस्टम को 'जगाना')



शोधकर्ताओं का मानना है कि COVID-19 mRNA वैक्सीन यहां एक अतिरिक्त बूस्टर का काम कर रही है:

अचानक की गई सक्रियता (Non-specific Activation): COVID वैक्सीन का काम शरीर में एक मजबूत सूजन (Inflammation) और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करना था। यह प्रतिक्रिया इतनी ज़बरदस्त होती है कि यह न केवल कोरोनावायरस के खिलाफ, बल्कि सामान्य तौर पर पूरे इम्यून सिस्टम को "जगा" देती है।

बेहतर लक्ष्यीकरण (Better Target Recognition): जब यह 'जागा हुआ' इम्यून सिस्टम पहले से ही इम्यूनोथेरेपी के कारण सक्रिय होता है (यानी ब्रेक हटा दिया गया है), तो यह कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर उन पर हमला करने में और भी ज़्यादा कुशल हो जाता है।

यह ठीक वैसे ही है जैसे एक सैनिक को पहले उसका हथियार चलाने की अनुमति दी जाए (इम्यूनोथेरेपी), और फिर उसे अचानक युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिया जाए (mRNA वैक्सीन)।

अब आगे क्या होगा?

अभी तो ये शुरुआती नतीजे हैं, इसलिए इन्हें सही साबित करने के लिए और बड़े क्लिनिकल ट्रायल करने होंगे। लेकिन इनसे उम्मीद जगी है कि शायद आने वाले समय में कैंसर का इलाज पूरी तरह बदल सकता है।

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुख्य वैज्ञानिक जेफ कोलर का कहना है, ये नतीजे दिखाते हैं कि mRNA दवाएं कितनी असरदार हैं और वे कैंसर के इलाज में नई दिशा दे सकती हैं।

mRNA तकनीक का इस्तेमाल आगे चलकर सिर्फ कैंसर ही नहीं, बल्कि फ्लू, एचआईवी और कुछ दुर्लभ आनुवंशिक बीमारियों के इलाज में भी किया जा सकता है। साफ है कि कोविड महामारी के दौरान विकसित हुई ये तकनीक अब इंसानियत के लिए नई उम्मीद बन गई है।