वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस गुरुवार को पटना के होटल मौर्या में बुलाई गई थी। मकसद साफ था कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा? इसका ऐलान करना और चुनावी एकता का संदेश देना। सबको मालूम था कि तेजस्वी यादव सीएम फेस होंगे, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि इसी मंच पर एक और बड़ा ऐलान होने वाला है कि मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित किया जाएगा। लेकिन यह फैसला अचानक नहीं हुआ। इसके पीछे की कहानी सस्पेंस, तनाव और सियासी सौदेबाजी से भरी हुई है।
पटना के होटल मौर्या प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय सुबह 11:30 बजे तय था। मीडिया, कैमरे और रिपोर्टर्स होटल मौर्या के ग्रैंड हॉल में पहुंच चुके थे। मगर वक्त गुजरता गया, और मंच खाली ही रहा। महागठबंधन के नेता मौके पर मौजूद थे, लेकिन वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी कहीं नहीं दिखे। धीरे-धीरे चर्चा फैलने लगी कि सहनी नाराज हैं, मान मनौव्वल चल रहा है। कहा गया कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर दी है और बिना उस घोषणा के प्रेस मीट में शामिल नहीं होंगे।
महागठबंधन के भीतर सूत्र बताते हैं कि सुबह-सुबह हुई बंद कमरे की मीटिंग में सहनी ने साफ कहा, “अगर महागठबंधन सामाजिक न्याय की बात करता है, तो यह सिर्फ नारे में नहीं दिखना चाहिए। सम्मानजनक हिस्सेदारी हमें पदों में भी मिलनी चाहिए, न कि सिर्फ सीटों में।” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने 25 सीटों पर समझौता इस भरोसे के साथ किया था कि उन्हें गठबंधन में सम्मानजनक भूमिका दी जाएगी।
मुकेश सहनी ने कहा, “तेजस्वी अगर चेहरा होंगे, तो मैं उनका डिप्टी बनूंगा। बिना इस घोषणा के मैं अपने समर्थकों के पास कैसे जाऊं? उनसे वोट कैसे मांगूंगा?” उनके यह शब्द सुनते ही होटल के गलियारे में अफरा-तफरी मच गई।
तेजस्वी यादव और अशोक गहलोत तुरंत सक्रिय हुए। होटल के कमरे में बंद होकर आपात बैठकें शुरू हुईं। गहलोत ने दिल्ली से सीधे कांग्रेस हाईकमान को फोन लगाया और स्थिति बताई। दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने खुद जाकर सहनी से बातचीत करने की कोशिश की। यह पूरा घटनाक्रम इतना संवेदनशील था कि इसे मीडिया से छिपाया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस एक घंटे के लिए टाल दी गई, लेकिन असल में यह सहमति हासिल करने की लड़ाई थी।
दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व को स्थिति की गंभीरता समझ में आ गई। अशोक गहलोत को साफ निर्देश मिला कि अगर सहनी की नाराज़गी मल्लाह वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है, तो उनकी मांग मान लो। चुनाव सम्मान से जीतते हैं, झगड़े से नहीं।” यानी, दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिल गया। इसी बीच, तेजस्वी यादव ने भी संकेत दिया कि अगर गठबंधन की एकता बनाए रखनी है, तो सामाजिक संतुलन जरूरी है।
जब लगभग सब कुछ तय हो गया, तो बचे सिर्फ एक व्यक्ति CPI-ML के दीपांकर भट्टाचार्य।
उन्हें होटल के नीचे प्रेस हॉल से बुलाकर ऊपर बैठक में लाया गया। उनसे पूछा गया कि क्या वे सहनी के डिप्टी सीएम फेस बनने पर सहमत हैं? दीपांकर ने कहा, “अगर यह प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय की दिशा में कदम है, तो हमें कोई एतराज नहीं।” इस हामी के बाद आखिरकार मुकेश सहनी का नाम फाइनल हो गया।
करीब एक घंटे की देरी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हुई। अशोक गहलोत ने मुस्कराते हुए माइक संभाला और कहा, “महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव होंगे, और विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी उप मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। जरूरत पड़ी तो अन्य वर्गों से भी डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे।” यह सुनते ही तालियों से हॉल गूंज उठा। मीडिया फ्लैश चमक उठे। बिहार की राजनीति ने उस दिन एक नया मोड़ ले लिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुकेश सहनी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में डिप्टी सीएम पद के लिए किसी तरह के दवाब की बात से इनकार करते हुए कहा, “यह किसी दबाव की बात नहीं थी, बल्कि सम्मान की थी। तेजस्वी यादव हमारे नेता हैं, लेकिन हमने भी संघर्ष किया है। अब साथ मिलकर बिहार में नई राजनीति की शुरुआत होगी।” उन्होंने यह भी दावा किया कि 2020 में जब उनकी पार्टी एनडीए में थी, तब भी उन्हें डिप्टी सीएम का ऑफर दिया गया था लेकिन तब वह सत्ता का सौदा था, आज यह सम्मान का समझौता है।
Published on:
23 Oct 2025 07:25 pm
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