जदयू नेता (फोटो-पत्रिका)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज हो गई है, लेकिन एनडीए के घटक दल जनता दल (यूनाइटेड) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर उभरती नाराजगी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ वरिष्ठ नेताओं और स्थानीय सांसदों में असहमति इतनी गहरी हो गई कि भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल ने सांसद पद से इस्तीफे की धमकी दे दी, वहीं गोपालपुर के जदयू विधायक गोपाल मंडल मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए।
भागलपुर सांसद अजय कुमार मंडल ने 14 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी नेतृत्व को पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर नाराज़गी व्यक्त की। पत्र में कहा गया कि पिछले 20-25 सालों से वे संगठन और जनता की सेवा करते आए हैं, लेकिन अब उनके क्षेत्र में टिकट बंटवारे में उनकी राय को नजरअंदाज किया जा रहा है।
अजय कुमार मंडल ने लिखा, “पार्टी में ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो संगठन और भविष्य के लिए हानिकारक हैं। स्थानीय नेताओं की अनदेखी करके बाहरी या निष्क्रिय लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। मैं अपनी निष्ठा और जनता की सेवा के आधार पर सांसद पद पर बने रहने का औचित्य नहीं समझ पा रहा हूं।”
सांसद ने चेतावनी दी कि यदि पार्टी ने इसी तरह की प्राथमिकताएं जारी रखीं, तो इसका असर न केवल संगठन की जड़ों पर बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भी पड़ेगा।
इसी कड़ी में गोपालपुर से जदयू विधायक गोपाल मंडल अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उनका आरोप है कि पार्टी में कुछ लोग उन्हें बेटिकट कराने से रोक रहे हैं। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया, जिसके बाद विधायक सड़क पर ही गमछा बिछाकर धरने पर बैठ गए।
गोपाल मंडल ने कहा, “सीएम हाउस में बैठे कुछ लोग मेरी सीट को लेकर साजिश कर रहे हैं। मैं सीधे मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखूंगा।” इस दौरान उनके समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की और उनके समर्थन में आवाज उठाई।
सिर्फ सांसद और विधायक ही नहीं, बल्कि जदयू के अन्य वरिष्ठ नेता भी सीट बंटवारे को लेकर नाराज़ दिख रहे हैं। बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य रणवीर सिंह अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और आरोप लगाया कि पार्टी में टिकट गलत तरीके से बांटे जा रहे हैं। रणवीर सिंह ने कहा, “बरहरा विधानसभा क्षेत्र से ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जा रहा है, जिसने कभी जनता के बीच काम नहीं किया। हम मुख्यमंत्री से सीधे गुहार लगाने आए हैं कि पार्टी में क्या हो रहा है।”
सूत्रों की मानें तो भाजपा और जदयू के बीच कई सीटों को लेकर मतभेद चल रहे हैं, जबकि एलजेपी (रामविलास) भी अपने हिस्से की मांग कर रही है। एनडीए के वरिष्ठ नेताओं के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं, लेकिन अभी तक सभी दलों के बीच अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि एनडीए के नेताओं ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पोस्ट कर एकजुटता का संदेश दिया है।
Published on:
14 Oct 2025 01:22 pm
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