JDU विधायक गोपाल मंडल (Photo-X)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जनता दल (यूनाइटेड) को बड़ा झटका लगा है। भागलपुर जिले की गोपालपुर सीट से मौजूदा विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ गोपाल मंडल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। गोपाल मंडल वही विधायक हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले सीएम आवास के बाहर धरना देकर टिकट कटने की आशंका जताई थी। अब जब जेडीयू ने आधिकारिक सूची जारी कर दी और उनका नाम उसमें नहीं था, तो उन्होंने पार्टी से खुली बगावत का बिगुल फूंक दिया।
पटना में मीडिया से बातचीत में गोपाल मंडल ने नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन पार्टी के भीतर सवर्ण लॉबी पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, “मैं नीतीश जी का विरोधी नहीं हूं। लेकिन उनके आस-पास कुछ सवर्ण नेता बैठे हैं जो पिछड़ों की आवाज नहीं सुनना चाहते। मैंने हमेशा दलित-पिछड़ों की बात की, इसलिए मेरा टिकट काट दिया गया।” गोपाल मंडल ने यह भी कहा कि उन्हें निशांत कुमार का नाम आगे लाने की सजा मिली है। उनके मुताबिक, पार्टी में कुछ नेताओं ने मिलकर उन्हें साइडलाइन कर दिया और बुलो मंडल जैसे “बाहरी उम्मीदवार” को टिकट दिलवा दिया।
गोपाल मंडल ने कहा कि वे समता पार्टी के समय से नीतीश कुमार के साथ रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा नीतीश जी के लिए काम किया, उनके लिए मैदान में लड़ा। लेकिन अब पार्टी में कुछ लोग पुराने कार्यकर्ताओं को किनारे लगा रहे हैं। मैं अब निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा और जीतकर दिखाऊंगा।” गोपाल मंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि जीत के बाद भी वे नीतीश कुमार को ही समर्थन देंगे, लेकिन अन्याय और अपमान को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जेडीयू की दूसरी सूची में 44 उम्मीदवारों के नाम जारी हुए, जिसमें गोपालपुर सीट से पूर्व सांसद बुलो मंडल को टिकट दिया गया। जैसे ही यह नाम सामने आया, गोपाल मंडल ने खुलेआम कहा, “मुझे आखिरी वक्त में धोखा दे दिया गया। पार्टी में अब विचारधारा नहीं, लॉबी सिस्टम चल रहा है।” उन्होंने कहा कि अब जनता उनके साथ है और चुनाव मैदान में उतरकर वे साबित करेंगे कि असली जनसमर्थन किसके पास है।
गोपाल मंडल की बगावत ने जेडीयू के अंदरूनी समीकरणों को हिला दिया है। भागलपुर की गोपालपुर सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। एक तरफ जेडीयू के उम्मीदवार बुलो मंडल, दूसरी ओर महागठबंधन के प्रत्याशी और तीसरे मोर्चे पर खुद गोपाल मंडल। इसके अलावा जनसुराज एवं अन्य दलों के भी उम्मीदवार मैदान में होंगे।
गोपाल मंडल का नाम कई बार विवादों में रहा है। कभी ट्रेन में कपड़े बदलने के विवाद, तो कभी विधानसभा में बयानबाजी को लेकर। लेकिन इन सबके बावजूद उनके क्षेत्र में उनकी ग्रामीण पकड़ और लोकप्रियता मानी जाती है। यही कारण है कि टिकट कटने के बाद भी उनके निर्दलीय लड़ने की घोषणा ने नीतीश कुमार के चुनाव समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है।
Published on:
16 Oct 2025 03:56 pm
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