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नीतीश का मुस्लिमों से हो रहा मोह भंग! जानें 2025 में 4 प्रत्याशी उतारने की बड़ी वजह

JDU Muslim Candidates: बिहार में नीतीश कुमार ने 101 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए है। इस बार जेडीयू ने 4 मुस्लिम प्रत्याशियों की ही टिकट दिया है।

2 min read

पटना

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Ashib Khan

Oct 16, 2025

बिहार में नीतीश का मुस्लिमों से हुआ मोह भंग (Photo-X)

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां चरम पर हैं। 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होने वाले मतदान से पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपनी रणनीति तेज कर दी है। बीजेपी और जेडीयू ने 101-101 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए है। NDA में सीट बंटवारे के तहत BJP-JDU 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिली है। वहीं जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।

नीतीश ने उतारे महज 4 प्रत्याशी

JDU द्वारा सभी 101 प्रत्याशियों के ऐलान करने के बाद सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि नीतीश कुमार ने महज 4 मुस्लिम प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है। दरअसल, बिहार की 50-70 सीटों पर मुस्लिमों का प्रभाव माना जाता है। नीतीश की पार्टी मुस्लिमों को अपना वोट बैंक भी मानती है, लेकिन इसके बावजूद भी महज 4 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। नीतीश का यह फैसला राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।

किस-किस को दिया टिकट

विधानसभा प्रत्याशी
अररियाशगुफ्ता अजीम
जोकिहाटमंजर आलम
अमौर सबा जफर
चैनपुरमोहम्मद जमा खान

2020 में उतारे थे 11 प्रत्याशी

विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू ने 11 मुस्लिमों उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन कोई नहीं जीता। नीतीश कुमार ने 2015 का विधानसभा चुनाव आरजेडी के साथ मिलकर लड़ा था। उस समय 7 नेताओं को टिकट दिया था। 2005 में 9 और 2010 में 17 मुस्लिमों को टिकट दिया था। दोनों ही बार तब जब नीतीश ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।

लोकसभा में मुजाहिद आलम को दिया था टिकट

जेडीयू ने लोकसभा चुनाव 2024 में किशनगंज से मुजाहिद आलम को टिकट दिया था। लेकिन उन्हें 60 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।

क्या हो सकती है वजह

लोकसभा चुनाव 2025 में महज चार मुस्लिमों को टिकट देने की वजह यह मानी जा रही है कि 2020 में किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को जीत नहीं मिली थी। वहीं लोकसभा चुनाव में भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं जीता था। 

पीके ने खेला मुस्लिमों पर दांव

बिहार में प्राशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम मुस्लिम वोटों को बांटने की कोशिश कर रही हैं। किशोर ने आरजेडी को चुनौती दी थी कि 40 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे, वरना वे खुद 40 उतारेंगे। जेएसपी ने अपनी पहली सूची में 7 और दूसरी में 14 मुस्लिम उम्मीदवार घोषित किए। इसके अलावा एआईएमआईएम की सीमांचल न्याय यात्रा भी मुस्लिम पहचान को मजबूत कर रही है।

क्या JDU से नाराज है मुस्लिम

वक्फ संसोधन विधेयक को लेकर बिहार के मुसलमान नीतीश कुमार से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, इस विधेयक का नीतीश कुमार ने समर्थन किया था। नीतीश के समर्थन करने के बाद कई मुस्लिम नेताओं ने जेडीयू से इस्तीफा भी दिया था और नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का नेताओं सहित जनता ने बायकॉट भी किया था। इसलिए हो सकता है कि जेडीयू को लगता है कि इस मुद्दें के कारण मुस्लिम वोट बैंक महागठबंधन की तरफ चला गया है।