बिहार में नीतीश का मुस्लिमों से हुआ मोह भंग (Photo-X)
Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां चरम पर हैं। 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होने वाले मतदान से पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपनी रणनीति तेज कर दी है। बीजेपी और जेडीयू ने 101-101 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए है। NDA में सीट बंटवारे के तहत BJP-JDU 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिली है। वहीं जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
JDU द्वारा सभी 101 प्रत्याशियों के ऐलान करने के बाद सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि नीतीश कुमार ने महज 4 मुस्लिम प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है। दरअसल, बिहार की 50-70 सीटों पर मुस्लिमों का प्रभाव माना जाता है। नीतीश की पार्टी मुस्लिमों को अपना वोट बैंक भी मानती है, लेकिन इसके बावजूद भी महज 4 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। नीतीश का यह फैसला राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।
विधानसभा | प्रत्याशी |
अररिया | शगुफ्ता अजीम |
जोकिहाट | मंजर आलम |
अमौर | सबा जफर |
चैनपुर | मोहम्मद जमा खान |
विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू ने 11 मुस्लिमों उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन कोई नहीं जीता। नीतीश कुमार ने 2015 का विधानसभा चुनाव आरजेडी के साथ मिलकर लड़ा था। उस समय 7 नेताओं को टिकट दिया था। 2005 में 9 और 2010 में 17 मुस्लिमों को टिकट दिया था। दोनों ही बार तब जब नीतीश ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
जेडीयू ने लोकसभा चुनाव 2024 में किशनगंज से मुजाहिद आलम को टिकट दिया था। लेकिन उन्हें 60 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।
लोकसभा चुनाव 2025 में महज चार मुस्लिमों को टिकट देने की वजह यह मानी जा रही है कि 2020 में किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को जीत नहीं मिली थी। वहीं लोकसभा चुनाव में भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं जीता था।
बिहार में प्राशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम मुस्लिम वोटों को बांटने की कोशिश कर रही हैं। किशोर ने आरजेडी को चुनौती दी थी कि 40 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे, वरना वे खुद 40 उतारेंगे। जेएसपी ने अपनी पहली सूची में 7 और दूसरी में 14 मुस्लिम उम्मीदवार घोषित किए। इसके अलावा एआईएमआईएम की सीमांचल न्याय यात्रा भी मुस्लिम पहचान को मजबूत कर रही है।
वक्फ संसोधन विधेयक को लेकर बिहार के मुसलमान नीतीश कुमार से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, इस विधेयक का नीतीश कुमार ने समर्थन किया था। नीतीश के समर्थन करने के बाद कई मुस्लिम नेताओं ने जेडीयू से इस्तीफा भी दिया था और नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का नेताओं सहित जनता ने बायकॉट भी किया था। इसलिए हो सकता है कि जेडीयू को लगता है कि इस मुद्दें के कारण मुस्लिम वोट बैंक महागठबंधन की तरफ चला गया है।
Published on:
16 Oct 2025 04:24 pm
बड़ी खबरें
View Allराष्ट्रीय
ट्रेंडिंग