पूर्व विधायक पूनम यादव (Photo-IANS)
Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बज चुकी है, जहां दलबदल और टिकट विवाद ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को एक और झटका लगा है, जब चार बार विधायक रह चुकीं पूनम यादव ने पार्टी से टिकट कटने के बाद मोर्चा खोल दिया। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) में सदस्यता ग्रहण कर ली और खगड़िया सदर सीट से नामांकन दाखिल करने का ऐलान किया। यह कदम एनडीए के खिलाफ महागठबंधन को मजबूत करने की दिशा में रालोजपा के लिए बड़ा समर्थन साबित हो सकता है।
पूनम यादव ने पत्रकारों से बातचीत में जेडीयू नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, मैंने नीतीश कुमार को नहीं छोड़ा, उन्होंने ही मेरा साथ छोड़ दिया। पार्टी ने बिना किसी ठोस कारण के मेरा टिकट काट विश्वासघात किया है। पिछली बार भी वादाखिलाफी हुई थी, लेकिन अब मैं चुनाव लड़ूंगी और जनता के समर्थन से जीतकर दिखाऊंगी। पूनम ने जेडीयू पर पिछली बार टिकट देने के वादे तोड़ने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रालोजपा में शामिल होकर वे दलित-यादव वोट बैंक को एकजुट करेंगी और एनडीए की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी।
खगड़िया सदर विधानसभा सीट पर यादव, कोइरी और दलित वोटरों की अच्छी-खासी संख्या है, जहां पूनम की मजबूत पकड़ रही है। वे खगड़िया के बाहुबली पूर्व विधायक रणवीर यादव की पहली पत्नी हैं। रणवीर ने दूसरी शादी अपनी साली कृष्णा यादव (पूनम की बहन) से की, जो राजनीतिक रूप से पूनम के लिए फायदेमंद साबित हुई। चार बार जेडीयू टिकट पर खगड़िया सदर से जीतने वाली पूनम को रणवीर का खुला समर्थन मिलता रहा। 2020 के चुनाव में भी उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी।
रालोजपा हाल ही में एनडीए से नाता तोड़ चुकी है। पशुपति पारस ने लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान के साथ टकराव के बाद महागठबंधन की ओर रुख किया। पूनम का शामिल होना रालोजपा को खगड़िया जैसे क्षेत्रों में मजबूती देगा, जहां दलित और पिछड़े वोट निर्णायक हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दलबदल बिहार की राजनीति में नया समीकरण रचेगा, खासकर यादव-दलित गठजोड़ को प्रभावित करेगा।
बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे में 11 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी। जेडीयू को पिछले हफ्तों में कई झटके लग चुके हैं, जैसे पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा और पूर्व विधायक बीमा भारती का आरजेडी में जाना। वहीं, आरजेडी को भी कुछ विधायकों के जेडीयू में शामिल होने से नुकसान हुआ। चुनाव आयोग के निर्देश पर दलबदल पर रोक है, लेकिन टिकट विवाद ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया। पूनम की एंट्री से रालोजपा का कुनबा मजबूत होगा और खगड़िया सीट पर रोमांचक मुकाबला तय है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ये घटनाएं बिहार चुनाव को और अप्रत्याशित बना देंगी।
Updated on:
16 Oct 2025 08:03 pm
Published on:
16 Oct 2025 08:02 pm
बड़ी खबरें
View Allराष्ट्रीय
ट्रेंडिंग