Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जाले विधानसभा: आरजेडी के ऋषि मिश्रा को कांग्रेस ने हाथ छाप पर लड़ा दिया, पढ़िए कैसे रातों रात पलटा खेल?

बिहार चुनाव 2025 पहले चरण के चुनाव के अन्तिम दिन दरभंगा की जाले सीट पर बड़ा उलटफेर हो गया है। यहां आरजेडी के नेता ऋषि मिश्रा को कांग्रेस ने अपने सिंबल पर लड़ा दिया है। शुक्रवार को मिश्रा ने जाले से हाथ छाप के साथ नामांकन दाखिल किया।

2 min read

ऋषि मिश्रा । फोटो- एएनआई

बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन का शुक्रवार को अन्तिम दिन था। महागठबंधन में अन्तिम दिन तक सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चलता रहा। लेकिन, इस खीचता में एक रोचक कहानी जाले विधानसभा से जुड़ी समने आयी। टिकट के लिए हाथ पांव मारने के बाद थक चुके आरजेडी प्रत्याशी ऋषि मिश्रा आराम करने के लिए अपने कमरे में चले गए थे। इसी बीच कांग्रेस आला कमान के एक फोन ने उनकी नींद उड़ा दी। इसके बाद कल तक कांग्रेस को गाली देने वाले ऋषि मिश्रा रातों रात आरजेडी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर लिया और शुक्रवार की सुबह कांग्रेस की टिकट पर जाले विधानसभा सीट से नामांकन किया।

कैसे रातों रात पलटा खेल?

दरअसल पहले यह चर्चा थीं कि कांग्रेस मोहम्मद नौशाद को जाले से टिकट दे रही है। इसको लेकर काग्रेंस और मोहम्मद नौशाद की ओर से पूरी तैयारी भी कर ली गई थी। लेकिन, इस बीच सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से एक खबर वायरल होने लगी कि नौशाद वही नेता हैं, जिनके मंच से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां की गाली दी गई थी। इस बात क भनक लगते ही दिल्ली में पार्टी हाईकमान नौशाद से सिंबल वापस लेकर रातों-रात ऋषि मिश्रा को टिकट दे दिया। इस प्रकार से रातों रात गेम पलट गया।

ऋषि मिश्रा पर क्यों बनी सहमति

महागठबंधन में जाले सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। आरजेडी भी इस सीट पर अपना दावा कर रही थी। लेकिन, कांग्रेस यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं थे। इधर, आरजेडी भी ऋषि मिश्रा को यहां से उम्मीदवार बनाना चाह रही थी। कांग्रेस की घोषित सूची में जाले का नाम तक नहीं था, लेकिन अंदरखाने चर्चा थी कि नौशाद को उम्मीदवार बनाया जाएगा। जैसे ही यह खबर फैली कि कांग्रेस नौशाद को टिकट देने जा रही है, मामला गरम हो गया। बीजेपी ने मामले को उठा लिया। आरजेडी नेता ऋषि मिश्रा जाले से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन कांग्रेस के खाते में सीट जाने से मायूस हो गए। लेकिन, सियासत की एक आखिरी ट्विस्ट ने रातों रात पूरी पटकथा ही बदल दी।

कौन हैं ऋषि मिश्रा

नौशाद को लेकर जब कांग्रेस आला कमान को जानकारी मिली तो कांग्रेस आला कमान ने फैसला बदला और आरजेडी से कहा कि वो ऋषि मिश्रा को वो कांग्रेस के सिंबल पर लड़ा दे। आनन-फानन में उनको सिंबल दिया गया। मिश्रा सुबह पटना से दरभंगा गए और दोपहर में नामांकन दाखिल कर दिया। ऋषि मिश्रा कांग्रेस के दिग्गज नेता ललित नारायण मिश्रा के पोते हैं। वे पहले जदयू से विधायक रह चुके हैं।