
भ्रष्टाचारमुक्त कार्यालय बनें
देश के सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक बिना रिश्वत काम नहीं होता। फरियादियों को बार-बार तारीख देने की प्रथा बंद होनी चाहिए। हर कार्य की समय-सीमा तय कर कार्य पूर्ण होने पर मोबाइल पर संदेश भेजा जाए। जिलाधीश द्वारा नियमित औचक निरीक्षण और सीसीटीवी मॉनिटरिंग से पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। भ्रष्ट कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करना जरूरी है। - आलोक वालिम्बे, बिलासपुर
राजनीतिक दबाव से मुक्ति जरूरी
सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए उन्हें राजनीतिक दबाव से मुक्त रखना चाहिए। स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता मिलने से वे निष्पक्ष व प्रभावी कार्य कर सकेंगे। राजनीति संरक्षण से दूरी बनाकर हर वर्ग के हित में योजनाओं को समय पर लागू किया जा सकता है। ऐसे नियम बनें जो योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में सहायक हों। - कुमार जितेन्द्र जीत, मोकलसर
पारदर्शिता से बढ़ेगी जिम्मेदारी
अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए पारदर्शिता व उत्तरदायित्व आधारित तंत्र जरूरी है। जन-संतुष्टि को मूल्यांकन का हिस्सा बनाया जाए। ई-गवर्नेंस से निर्णय प्रक्रिया सार्वजनिक हो। समयबद्ध शिकायत निवारण व योग्यता आधारित पदोन्नति से अधिकारी जनता के प्रति अधिक उत्तरदायी बनेंगे। - अमृतलाल मारू ‘रवि’, इंदौर
उत्तरदायित्व और पारदर्शिता
सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही के लिए नियमित ऑडिट, जनता की भागीदारी और सख्त दंड आवश्यक हैं। ऑनलाइन शिकायत प्रणाली व सोशल मीडिया संवाद से पारदर्शिता बढ़ाई जा सकती है। इससे शासन पर जनता का विश्वास मजबूत होगा और निर्णय प्रक्रिया तेज़ व निष्पक्ष बनेगी। - डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
जवाबदेही कानून की जरूरत
सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए जवाबदेही कानून लागू किया जाना आवश्यक है। इससे हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी और लापरवाही पर दंड मिलेगा। - पवन बैरवा, भीलवाड़ा
पारदर्शिता और निष्पक्षता
अधिकारियों की जवाबदेही के लिए पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी जरूरी है। सरकारी खर्च व डाटा सार्वजनिक हों, स्वतंत्र लेखा परीक्षा और दंड-पुरस्कार प्रणाली लागू की जाए। अधिकारियों को निर्भय होकर निर्णय लेने की सुरक्षा दी जाए, ताकि वे जोखिम उठाकर जनता के हित में कार्य कर सकें। - मीना सनाढ्य, उदयपुर
औचक निरीक्षण से तय हो जवाबदेही
कई अधिकारी लीपापोती करते हैं, जिससे जनता की समस्याएं अनसुलझी रह जाती हैं। जवाबदेही तय करने के लिए शासन, मंत्री व मुख्यमंत्री को औचक निरीक्षण करना चाहिए। कागजों और जमीनी हकीकत का मिलान हो, चौपालों में जनता से संवाद कर वास्तविक स्थिति जानी जाए और लापरवाही पर दंड दिया जाए। - सियाराम मीना, बूंदी (राजस्थान)
Published on:
05 Nov 2025 06:05 pm
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