अध्ययन में पाया गया कि जिन्होंने धूम्रपान छोड़ दिया, उनकी याददाश्त और बोलने की क्षमता (भाषाई कौशल) अगले छह वर्षों में उन लोगों की तुलना में कम घटी जिन्होंने धूम्रपान जारी रखा। शोधकर्ताओं ने हर व्यक्ति की तुलना उसी उम्र, लिंग, शिक्षा और देश के दूसरे व्यक्ति से की जो धूम्रपान करता रहा। परिणामों में पता चला कि धूम्रपान छोड़ने के बाद स्मरण शक्ति में गिरावट लगभग 20% धीमी हो गई और बोलने की क्षमता में गिरावट आधी रह गई। लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज की शोधकर्ता मिकाएला ब्लूमबर्ग ने कहा कि इससे याददाश्त घटने की रफ्तार कम होती है
अध्ययन ने यह दिखाया कि भले ही यह कारण-परिणाम का सीधा प्रमाण नहीं है, लेकिन इससे पहले हुए शोधों की तरह यह भी बताता है कि धीमी मानसिक गिरावट डिमेंशिया (स्मृति ह्रास) के खतरे को कम कर सकती है। सह-शोधकर्ता एंड्रयू स्टेप्टो ने कहा कि शोधकर्ताओं के अनुसार, हर वर्ष की उम्र बढ़ने के साथ धूम्रपान छोड़ने वाले लोगों की याददाश्त में 3–4 महीने कम गिरावट और बोलने की क्षमता में करीब 6 महीने कम गिरावट देखी गई, तुलना में उन लोगों के जो धूम्रपान करते रहे।
वैज्ञानिकों के अनुसार, सिगरेट का धुआं खून की नलियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दिमाग को ऑक्सीजन कम मिलती है। साथ ही यह सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करता है, जो दिमागी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान छोड़ने के बाद ये नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं, जिससे याददाश्त और भाषा से जुड़ी मानसिक प्रणालियाँ फिर से स्थिर होने लगती हैं। पहले के अध्ययनों में भी अल्पकालिक सुधार दिखे थे, पर यह नया शोध बताता है कि लाभ कई वर्षों तक बने रहते हैं, भले ही व्यक्ति ने मध्यम या अधिक उम्र में धूम्रपान छोड़ा हो।
ब्लूमबर्ग ने कहा, अध्ययन ने इंग्लैंड, अमेरिका और 10 अन्य यूरोपीय देशों के तीन बड़े सर्वेक्षणों के आंकड़े एकत्र किए। जिन लोगों ने धूम्रपान छोड़ा, उनकी तुलना उन्हीं जैसे धूम्रपान करने वालों से की गई। नतीजा यह निकला कि धूम्रपान छोड़ने वालों में मानसिक गिरावट की रफ्तार कम हो गई, जबकि धूम्रपान करने वाले पहले की तरह ही गिरावट झेलते रहे।
Published on:
15 Oct 2025 05:15 pm
बड़ी खबरें
View Allसमाचार
ट्रेंडिंग