Fire Incident in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रक्षाबंधन के दिन ताबड़तोड़ दो बड़ी घटनाओं ने लोगों को हिलाकर रख दिया। पहली घटना दक्षिण-पूर्वी दिल्ली स्थित जैतपुर के हरिनगर में हुई, जहां मोहन बाबा मंदिर के पास स्थित दीवार गिरने से सात लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद मौके पर पहुंची दमकल और पुलिस की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी थी। इसी बीच आनंद विहार इलाके में कॉसमॉस अस्पताल में भीषण आग लग गई। इस हादसे में भी एक युवक की मौत हो गई। अस्पताल में आग लगने की सूचना पर दमकल और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में आग लगने की वजह से कमरों में धुआं भर गया। इससे राहत और बचाव कार्य में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली फायर ब्रिगेट की टीम ने बताया कि अस्पताल में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर भी आग की चपेट में आ गए। सूचना पर पहुंची टीम ने अस्पताल के शीशे तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला। साथ ही समय रहते ऑक्सीसन सिलेंडरों को भी अस्पताल परिसर से दूर किया गया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
वहीं कॉसमॉस अस्पताल में हाउसकीपिंग स्टाफ में शामिल अमित नाम के एक युवक ने घटना के दौरान खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। इससे उसका दम घुट गया और उसकी मौत हो गई। इसके अलावा चार मरीज भी बेहोश हो गए। उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। ताकि उचित उपचार मिल सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार दोपहर कड़कड़डूमा स्थित कॉसमॉस अस्पताल में भीषण आग लग गई। हादसे में अस्पताल के एक कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि सात लोग घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें तीन की चोटें मामूली बताई जा रही हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, आग लगने की सूचना थाना आनंद विहार को दोपहर 12:20 बजे पीसीआर कॉल के जरिए मिली। आग अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर स्थित सर्वर रूम से शुरू हुई थी। इसकी चपेट में आए अस्पताल कर्मचारी अमित (हाउसकीपिंग स्टाफ) की मौके पर मौत हो गई। आग इतनी तेज थी कि उसे काबू में करने के लिए दमकल विभाग की आठ गाड़ियां भेजी गईं। धुएं से अस्पताल भर जाने के कारण मरीजों को निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
आठ मरीजों को तुरंत नजदीकी पुष्पांजलि अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। आग बुझाने के बाद अस्पताल के कर्मचारी हरदेवी और नरेश (डायलिसिस रूम स्टाफ) को भी बचाकर वहां ले जाया गया। हरदेवी, नरेश और अन्य मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, आग लगने के बाद शीशे तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला गया और समय रहते ऑक्सीजन सिलेंडर भी हटा दिए गए, जिससे बड़ा विस्फोट टल गया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि अमित पहले छत पर था, लेकिन बाद में तीसरी मंजिल के एक बाथरूम (या स्टोर रूम) में खुद को बंद कर लिया, जिससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
Updated on:
09 Aug 2025 04:00 pm
Published on:
09 Aug 2025 03:53 pm