Axiom Mission 4: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 11 जून 2025 को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरेंगे। लखनऊ के रहने वाले शुभांशु महीनों से मिशन के अभ्यास में व्यस्त थे तो उनका परिवार अंतरिक्ष यात्रा के लिए उनका मैन्यू तैयार कर रहा था। शुभांशु की शिक्षिका बहन सुचि शुक्ला ने बताया कि भाई अपने साथ कई भारतीय व्यंजन ले जा रहे हैं। इनमें मां के हाथ का बना मूंग-गाजर का हलवा, आमरस और चावल का पकवान ले जा रहे हैं। सुचि ने बताया, वह अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को अपने घर के बने व्यंजन शेयर करने के लिए उत्साहित हैं। सुचि ने बताया, चूंकि भारतीय व्यंजन मसालेदार होते हैं इसलिए उन्हें ले जाने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन कुछ विशेष व्यंजनों की अनुमति दे दी गई। उन्होंने बताया, शुभांशु योग आदि के जरिए फिटनेस का पूरा ख्याल रखते हैं।
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला का कहना है, मिशन की सफलता के लिए सत्यनारायण स्वामी की कथा और हवन किया जा रहा है। पूरा परिवार कामयाबी के लिए आश्वस्त है और दुआ कर रहा है। शुभांशु की मां आस्था कहती हैं कि वह उत्साहित हैं कि उनका बेटा भारत के लिए कुछ नया करने जा रहा है। बस जल्दी से मिशन पूरा कर वापस आ जाए।
शुभांशु ने रविवार को फुल ड्रेस फाइनल रिहर्सल की। इसमें असेंबली बिल्डिंग से रॉकेट तक जाने और उसमें बैठने के प्रोसेस को फॉलो किया। इस दौरान शुभांशु ने कहा- मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे मिशन का हिस्सा बनने का अवसर मिला। एक्सिओम मिशन 4 में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए आईएसएस जाएंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष यात्रा की थी।
यह 15वां मानव अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी हैं। कमांडर पेगी व्हिटसन (अमरीका), मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोस उज्नांस्की (पोलैंड) और मिशन स्पेशलिस्ट टिबोर कापू (हंगरी)। पहले यह 8 जून को रवाना होना था लेकिन बाद में इसे 10 जून कर दिया गया। नासा और स्पेसएक्स का कहना है कि यह बदलाव मौसम, फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान की परिवहन प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया गया।
Updated on:
10 Jun 2025 08:55 pm
Published on:
10 Jun 2025 10:58 am