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नदी में फेंक दी भगदड़ में मरने वालों की लाशें, कुंभ का पानी सबसे गंदा- बोलीं जया बच्चन

महाकुंभ भगदड़: संसद के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए जया बच्चन ने कहा, 'भगदड़ (Mahakumbh Stampede) में मरने वालों के शव नदी में फेंके गए हैं, जिसके कारण पानी प्रदूषित हो गया है।'

Jaya Bachchan On Mahakumbh Stampede
Jaya Bachchan On Mahakumbh Stampede

महाकुंभ भगदड़: समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने महाकुंभ में मची भगदड़ (Mahakumbh Stampede) पर UP सरकार से मौतों के वास्तविक आंकड़ों की मांग की। सांसद जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने सोमवार को यह टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा का पानी, जहां चल रहे महाकुंभ के दौरान सैकड़ों लोग डुबकी लगा रहे हैं, कथित तौर पर अत्यधिक दूषित है। क्योंकि महाकुंभ में हाल ही में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के शव नदी में फेंक दिए गए थे।

आम आदमी के लिए महाकुंभ में कोई व्यवस्था नहीं- जया बच्चन

संसद के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने योगी आदित्यनाथ सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ में करोड़ों लोगों ने हिस्सा लिया है। राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा, "वे झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग इस जगह पर आए थे। इतनी बड़ी संख्या में लोग इस जगह पर कैसे इकट्ठा हो सकते हैं? वे झूठ बोल रहे हैं।" इसके अलावा जया बच्चन ने यह भी मांग की कि सरकार भगदड़ के दौरान हुई मौतों के वास्तविक आंकड़े उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा, "देश के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिन लोगों को VIP सुविधाएं नहीं मिलतीं, यानी आम आदमी के लिए महाकुंभ में कोई व्यवस्था नहीं की गई है।"

सरकार को संसद में कुंभ के बारे में बोलना चाहिए- राज्यसभा सांसद

संसद के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए जया बच्चन ने कहा, "इस समय पानी सबसे अधिक कहां प्रदूषित है? सबसे अधिक कहां प्रदूषित पानी कुंभ में है। लेकिन इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रहा है। भगदड़ में मरने वालों के शव नदी में फेंके गए हैं, जिसके कारण पानी प्रदूषित हो गया है... यह वह पानी है जिसका उपयोग वहां के लोग कर रहे हैं। इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रहा है।"  यह पूछे जाने पर कि वह राज्य सरकार से क्या चाहती हैं, अभिनेत्री और राजनेता ने कहा, "कम से कम कुंभ में जो हुआ उसके बारे में हमें सच्चाई तो बताएं। सरकार को संसद में इसके बारे में बोलना चाहिए।" 

'देश में सबसे बड़ा मुद्दा कुंभ में हुई घटना है'

एक पत्रकार ने जया बच्चन को बताया कि UP सरकार ने भगदड़ की जांच शुरू कर दी है, तो राज्यसभा सांसद ने इस बात पर कहा, "क्या जांच चल रही है? देश में इतनी सारी जांचें होती हैं। क्या वे कभी पूरी होतीं? कुंभ में जो कुछ भी हो रहा है, क्या हमें वाकई जांच की जरूरत है? सरकार ने शवों को उठाकर पानी में डाल दिया है। देश में सबसे बड़ा मुद्दा कुंभ में हुई घटना है।' बता दें कि सोमवार को लोकसभा में विपक्षी दलों ने भगदड़ पर चर्चा और मारे गए लोगों की सूची की मांग को लेकर काफी देर तक शोरगुल किया। विपक्षी सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए।

सपा का बयान पार्टी के लिए महंगा साबित होगा- BJP

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, "जया बच्चन एक अच्छी अदाकारा हैं। आज उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह लिखित पटकथा पर आधारित है जिसमें अच्छे डायलॉग हैं। हालांकि, सपा का बयान पार्टी के लिए महंगा साबित होगा। जिस तरह से सपा हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है, उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे।"

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नदी के जल को लेकर कही ये बात

महाकुंभ मेले के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि नदी का पानी पवित्र स्नान के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। विवेक चतुर्वेदी ने PTI से कहा, "प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक टीम रोजाना विभिन्न घाटों से नदी के नमूनों की जांच कर रही है। प्रदूषण स्तर नियंत्रण में है। पूजा का कचरा है जो नदियों में जा रहा है- इसमें फूल, नारियल और अन्य चीजें हैं जो अनुष्ठान के हिस्से के रूप में चढ़ाई जाती हैं। हमने हर दो घंटे में नदी से इन्हें बाहर निकालने के लिए विभिन्न घाटों पर मशीनें लगाई हैं।"

क्या थी घटना

हिंदुओं के लिए एक पवित्र आयोजन 'महाकुंभ' 13 जनवरी को शुरू हुआ था और यह 26 फरवरी को समाप्त होगा। बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर "अमृत स्नान" के दौरान संगम (गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम) पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए भारी भीड़ की ओर से बैरिकेड्स तोड़ दिए जाने से और जगह के लिए धक्का-मुक्की किए जाने पर कई लोगों की मौत हो गई थी। बता दें कि राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष कुंभ मेले पर राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जा रहे 7,000 करोड़ रुपये में से 1,600 करोड़ रुपये अकेले जल और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए निर्धारित किए गए हैं।