मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Photo-ANI)
चुनाव आयोग (EC) ने 23 अक्टूबर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर्स (CEOs) के साथ दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की। इस दौरान देशव्यापी वोटर रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की तैयारियों की समीक्षा की गई। आयोग ने बताया कि SIR की शुरुआत नवंबर महीने से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो सकता है।
SIR के पहले फेज में उन राज्यों (असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल) को शामिल किया गया है। जहां 2026 के विधानसभा चुनाव होना है। आयोग ने यह भी बताया कि फाइनल रोलआउट प्लान कॉन्फ्रेंस के बाद घोषित होगा। आयोग ने CEOs से SIR के लिए अपॉइंटमेंट, ट्रेनिंग और मैपिंग प्रक्रिया पर प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी। इसमें डिस्ट्रिक्ट, असेंबली और बूथ लेवल अधिकारियों की नियुक्ति का स्टेटस भी शामिल था। इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने पिछले निर्देशों की भी समीक्षा की।
10 सितंबर को हुई पिछली मीटिंग में CEOs को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने राज्यों में पिछले SIR (2002-2008 के बीच) के रोल से अधिकतम वोटरों को मैप करें, ताकि डॉक्यूमेंट सबमिशन की जरूरत कम हो। वहीं, शहरी क्षेत्रों में पलायन के कारण मैपिंग में चुनौतियां सामने आने की भी संभावना जाहिर की गई हैं।
असम के अधिकारियों ने कमीशन को पहले ही बता दिया है कि वे राज्य के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) पब्लिश होने के बाद ही रोल्स में इंटेंसिव रिवीजन करने के लिए तैयार हैं। असम अकेला ऐसा राज्य है जिसने पहले ही NRC तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसलिए, पता चला है कि पोल पैनल को अभी इस पर आखिरी फैसला लेना है कि असम को पहले फेज़ में शामिल किया जाएगा या नहीं।
जब देश भर में SIR के लिए तौर-तरीके अनाउंस किए जाएंगे, तो मानी गई एलिजिबिलिटी का कट-ऑफ साल बिहार जैसा ही होने की संभावना है।
24 जून को पूरे देश में वोटर रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का ऑर्डर दिया गया था। इसकी शुरुआत बिहार से हुई। जहां 6 व 11 नवंबर को दो फेज में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक, सभी रजिस्टर्ड वोटरों को रोल में बने रहने के लिए एन्यूमरेशन फॉर्म भरने थे, जबकि 2003 (बिहार में रोल के पिछले इंटेंसिव रिवीजन का साल) के बाद एनरोल हुए लोगों को अपनी जन्म की तारीख और/या जन्म की जगह साबित करने वाले डॉक्यूमेंट जमा करने थे। इसका मकसद वोटर के तौर पर उनकी एलिजिबिलिटी, जिसमें उनकी नागरिकता भी शामिल है, उन्हें साबित करना था।
6 अक्टूबर को बिहार असेंबली इलेक्शन की घोषणा के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से पैन इंडिया SIR के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने कहा था कि अगर आप 24 जून का ऑर्डर देखें, तो EC ने पहले ही पैन-इंडिया SIR करने का फैसला ले लिया है। इस पर काम चल रहा है। इलेक्शन कमीशन राज्यों और UTs के लिए तारीखें तय करने के लिए एक मीटिंग करेगा।
Updated on:
23 Oct 2025 06:46 am
Published on:
23 Oct 2025 06:45 am
बड़ी खबरें
View Allराष्ट्रीय
ट्रेंडिंग