IED विस्फोट से CRPF के हेड कांस्टेबल शहीद (X)
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा वन क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 60वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल महेंद्र लस्कर शहीद हो गए, जबकि दो अन्य साथी एक इंस्पेक्टर और एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा जराईकेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामठा के बाबूडेरा इलाके में हुआ, जब सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चला रही थी।
जानकारी के अनुसार, नक्सलियों द्वारा पहले से छिपाकर रखे गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में जोरदार विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इलाके में तेज धमाके की आवाज गूंज उठी और आसपास की जमीन कांप गई। हेड कांस्टेबल महेंद्र लस्कर, जो असम के निवासी थे, ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, घायल इंस्पेक्टर और ASI को तत्काल राउरकेला के अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। चिकित्सकों के अनुसार, दोनों जवानों को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
यह घटना नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ा झटका है। हाल के महीनों में सारंडा जंगल और आसपास के इलाकों में IED विस्फोटों की संख्या में इजाफा देखा गया है। 22 मार्च 2025 को इसी क्षेत्र में CRPF की 193वीं बटालियन के सब-इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल और हेड कांस्टेबल पार्थ प्रतिम डेका IED ब्लास्ट में घायल हुए थे, जिसमें मंडल की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसी तरह, 14 जून 2025 को ओडिशा-झारखंड सीमा पर ASI सत्यवान कुमार सिंह शहीद हो गए। ये घटनाएं नक्सलियों की बढ़ती साजिशों की ओर इशारा करती हैं, जो सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए बारूदी सुरंगों का सहारा ले रहे हैं।
CRPF के डीजी और झारखंड पुलिस ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अभियान जारी रहेगा और नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा। इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं, तथा फॉरेंसिक टीम घटनास्थल की जांच में जुटी हुई है। शहीद महेंद्र लस्कर का पार्थिव शरीर असम के उनके पैतृक गांव ले जाने से पहले रांची में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Updated on:
11 Oct 2025 01:32 pm
Published on:
11 Oct 2025 01:31 pm
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