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Exclusive: भारत में रात की नौकरी पर महिलाओं को हरी झंडी: कौन से राज्य आगे, महिला अपराध का खौफनाक सच

Women Night Shift India: भारत के 15 राज्यों ने महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की छूट दी है, लेकिन NCRB डेटा 5 साल में अपराध 30% बढ़ने का खुलासा हुआ है।

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भारत

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MI Zahir

Oct 23, 2025

Women Night Shift India

नाइट शिफ्ट में काम करती महिलाएं। AI Generated Photo

Women Night Shift India: भारत में महिलाओं को रात में काम करने की छूट मिल रही है, जो समानता की दिशा में बड़ा कदम है। लेकिन सुरक्षा चिंताएं बनी हुई हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। 2025 तक 15 राज्य महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे चुके हैं, लेकिन अपराधों की संख्या ने सवाल खड़े कर दिए हैं। ये बदलाव महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास हैं, लेकिन क्या सुरक्षा उपाय पर्याप्त हैं ? महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति (Women Night Shift India) देने वाले राज्य धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार 2014 से 2017 के बीच आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश ने फैक्ट्रियों में रात को काम करने की शिफ्ट की छूट दी है। सन 2025 तक(States Night Work Women) गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, दिल्ली और हरियाणा (नया नोटिफिकेशन) ने भी इसे लागू किया। कुल 15 राज्य अब महिलाओं को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की इजाजत देते हैं। इन राज्यों ने फैक्ट्री एक्ट और शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन कर महिलाओं की सुरक्षा के लिए CCTV, ट्रांसपोर्ट और सहमति जैसे नियम बनाए हैं।

महिला अपराध के मामले बढ़े(NCRB Crimes Women)

NCRB के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराध 5 सालों में तेजी से बढ़े हैं। 2018 में 3,78,236 मामले दर्ज हुए, जो 2019 में 4,05,326 हो गए। 2020 में 3,71,503, 2021 में 4,28,278, और 2022 में 4,45,256 मामले हुए। 2023 के प्रारंभिक आंकड़ों में 4.7% की बढ़ोतरी हुई, यानी हर घंटे 51 मामले। राष्ट्रीय औसत दर 66.4 प्रति लाख महिलाएं है। ये आंकड़े दहेज उत्पीड़न (31.4%), अपहरण (19.2%), छेड़छाड़ (18.7%) और बलात्कार (7.1%) पर केंद्रित हैं। 2022 में दिल्ली (144.4), हरियाणा (118.7) व तेलंगाना (117) में दर सबसे ज्यादा थी।

जहां रात की शिफ्ट बढ़ी, वहां अपराध दर भी चिंताजनक

कुल 15 राज्य महिलाओं को रात शिफ्ट की छूट दे चुके हैं, लेकिन सुरक्षा चिंताओं ने बहस छेड़ दी है। गुजरात और ओडिशा जैसे नए राज्य 12 घंटे शिफ्ट की अनुमति देते हैं, लेकिन सहमति और सुरक्षा अनिवार्य है। असम और राजस्थान में भी हालिया बदलाव हुए। ये राज्य महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने का दावा करते हैं, लेकिन NCRB डेटा दिखाता है कि जहां रात की शिफ्ट बढ़ी, वहां अपराध दर भी चिंताजनक है। उदाहरण के लिए, हरियाणा में रात शिफ्ट के बाद अपराध 10% बढ़े। सरकारें ट्रेनिंग और पेट्रोलिंग बढ़ा रही हैं।

15 राज्यों में महिलाओं के खिलाफ जुर्म की काली तस्वीर

NCRB के अनुसार, इन 15 राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या और प्रतिशत डरावनी तस्वीर पेश करता है। उत्तर प्रदेश में 65,743 मामले (राष्ट्रीय 14.7%), महाराष्ट्र में 45,331 (10.2%), राजस्थान में 45,058 (10.1%)। हरियाणा में 118.7% दर, तेलंगाना में 117%, कर्नाटक में 75%, तमिलनाडु में 71%, मध्य प्रदेश में 78.8%, गुजरात में 96.2%। असम में 81%, झारखंड में 103%, ओडिशा में 103%, दिल्ली में 144.4%, आंध्र प्रदेश में 96.2%, हिमाचल प्रदेश में 77%, पंजाब में 108.5%। ये राज्य कुल अपराधों का 60% हिस्सा है।

सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त होने चाहिए

हालांकि रात को काम करने की छूट देने का बदलाव महिलाओं को सशक्त बनाते हैं, लेकिन अपराधों की बढ़ती संख्या चिंता बढ़ाती है। यह स​ही है कि रात की शिफ्ट से नौकरियां बढ़ेंगी, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त होने चाहिए। NCRB डेटा बताता है कि महिला अपराध के 75.8% मामलों में चार्जशीट होती है, लेकिन सजा दर कम है। बहरहाल सरकारों को जागरूकता और फास्ट-ट्रैक कोर्ट बढ़ाने की जरूरत है।