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नागौर की मिर्धा कॉलेज में एमएससी की 71 फीसदी सीटों पर छात्राओं का कब्जा

उच्च शिक्षा में में छात्राओं का दबदबा, छात्रों को छोड़ रही पीछे, स्कूल शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा में बढ़ रहा महिला शिक्षा का रुझान, प्रवेश में 30 प्रतिशत आरक्षण का मिल रहा फायदा

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college girls

नागौर. उच्च शिक्षा में छात्राओं का दबदबा बढ़ता जा रहा है। जिला मुख्यालय के श्री बीआर मिर्धा राजकीय कॉलेज में एमएससी की 71 फीसदी सीटों पर छात्राओं का प्रवेश हुआ है, जो इस बात का प्रमाण है कि छात्राएं, छात्रों से अधिक अंक प्राप्त कर रही हैं। प्राणि विज्ञान की 25 में से 24 सीटों पर केवल छात्राओं ने कब्जा जमाया है, जो जिले में महिला शिक्षा के बढ़ते रुझान को दर्शाता है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से बोर्ड परीक्षा परिणाम में लगभग सभी संकायों में छात्रों का औसत परिणाम छात्रों से बेहतर रहता है। अब स्कूल शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा में भी महिला शिक्षा का ग्राफ बढ़ रहा है। सरकार ने भी बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज स्तर पर स्नातक व स्नातकोत्तर में प्रवेश लेेने पर 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की है, जिसका सीधा लाभ छात्राओं को मिल रहा है। यह बदलाव समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार और शिक्षा के प्रति उनके बढ़ते उत्साह को दर्शाता है।

एमएससी में छात्र-छात्राओं के प्रवेश पर एक नजर

विषय - कुल आवेदन भरे - छात्र - छात्रा

बॉटनी - 96 - 30 - 66

केमेस्ट्री - 100 - 45 - 55

फिजिक्स - 47 - 35 - 12

जूलॉजी - 140 - 44 - 96

गणित - 84 - 55 - 29

कुल - 467 - 209 - 258

प्रवेश मिला

विषय - छात्र - छात्रा - कुल सीट

बॉटनी - 5 - 22 - 27

केमेस्ट्री - 7 - 18 - 25

फिजिक्स - 13 - 10 - 23

जूलॉजी - 1 - 24 - 25

गणित - 11 - 17 - 28

कुल - 37 - 91 - 128

बदल रही है समाज की स्थिति

जिला मुख्यालय के मिर्धा कॉलेज में एमएससी में प्रवेश को लेकर हाल ही जारी की गई मेरिट लिस्ट से स्पष्ट हो रहा है कि उच्च शिक्षा में अब छात्राएं न केवल छात्रों की बराबरी कर रही हैं, बल्कि छात्रों से आगे निकल रही हैं। ऐसा नहीं है कि केवल प्रवेश ही छात्राओं का ज्यादा हुआ है, बल्कि आवेदन करने वाले विद्यार्थियों में भी छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार, उच्च शिक्षा में छात्राओं का दबदबा बढऩे से न केवल महिला शिक्षा को बल मिलेगा, बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन आएगा। यह बदलाव भविष्य में और भी अधिक सकारात्मक परिणाम लाएगा, जिससे महिलाओं की स्थिति और मजबूत होगी।

छात्राएं पढ़ाई के प्रति ज्यादा गंभीर

पिछले कुछ वर्षों से बालिका शिक्षा को लेकर समाज में जागरुकता बढ़ी है। इसके साथ छात्रों की तुलना में छात्राएं पढ़ाई के प्रति ज्यादा गंभीर रहती है और केवल पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रीत करती है। इसके साथ छात्राओं को स्नातक एवं स्नातकोत्तर में प्रवेश लेने पर 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाता है, इसके चलते एमएससी की सीटों पर छात्राओं का प्रवेश ज्यादा हुआ है।

- डॉ. हरसुखराम छरंग, प्राचार्य, श्री बीआर मिर्धा कॉलेज, नागौर