फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan News: नागौर जिले के लाडनूं में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के टॉर्चर हाउस को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह टॉर्चर हाउस निंबी जोधा रोड के पास स्थित था, जहां आनंदपाल फिरौती के लिए अगवा किए गए लोगों को बंधक बनाकर यातनाएं देता था। इस कार्रवाई में चार बुलडोजर लगाए गए हैं और इसे पूरी तरह जमींदोज करने में 24 घंटे से अधिक समय लगा।
कार्रवाई के दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। डीडवाना-कुचामन की एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि यह टॉर्चर हाउस एक गर्ल्स कॉलेज परिसर में बना था, जो स्थानीय लोगों को आनंदपाल के दौर की याद दिलाता था। रमेश रुलानिया प्रकरण के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया और भविष्य में अन्य गैंगस्टर्स के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी।
आनंदपाल ने 8 बीघा जमीन पर फैले अपने फार्म हाउस में इस टॉर्चर हाउस को बनाया था। इस हवेली के बीच खेतों और झाड़ियों में छिपा यह अड्डा एक किले की तरह था। यहां 4 फीट लंबा और ढाई फीट चौड़ा एक लोहे का पिंजरा भी मिला, जिसमें बंधकों को कैद किया जाता था।
यह पिंजरा इतना छोटा था कि इसमें कैद व्यक्ति न तो ठीक से बैठ सकता था और न ही सो सकता था। मकान की दीवारें और खिड़कियां मोटी लोहे की चादरों से बनी थीं, जो गोलियों को भी झेल सकती थीं। दीवारों में बने छेदों का उपयोग दुश्मनों पर गोलीबारी के लिए किया जाता था।
आनंदपाल ने इस टॉर्चर हाउस को एक अभेद्य किले की तरह डिजाइन किया था। बंकरनुमा कमरों में लोहे की मजबूत खिड़कियां और दरवाजे इस तरह बनाए गए थे कि अंदर बैठा व्यक्ति बाहर खड़े दुश्मन पर आसानी से निशाना साध सकता था। नीचे की दो मंजिलों को आनंदपाल और उसके साथी सेफ हाउस के रूप में इस्तेमाल करते थे। यहां एक खुफिया तहखाना भी था, जिसमें कई लोग एक साथ छिप सकते थे। इस अड्डे की सुरक्षा के लिए गैंग के सदस्यों के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे।
साल 2016 में जब आनंदपाल फरार हुआ था, तब पुलिस ने उसे आर्थिक नुकसान पहुंचाने और सरेंडर के लिए मजबूर करने के लिए उसकी कई संपत्तियों को कुर्क किया था। इस टॉर्चर हाउस सहित उसकी 8 बीघा जमीन भी जब्त की गई थी। वर्तमान में इस जमीन पर सरकारी कन्या महाविद्यालय संचालित हो रहा है, जिसके ठीक सामने यह टॉर्चर हाउस स्थित था। स्थानीय लोगों के लिए यह इमारत आनंदपाल के आतंक का प्रतीक थी।
इस कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर टॉर्चर हाउस को ध्वस्त किया। बुलडोजरों की गड़गड़ाहट के बीच इस इमारत की दीवारें जमींदोज गई हैं। एसपी ऋचा तोमर ने कहा कि यह कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख का हिस्सा है। आने वाले समय में अन्य गैंगस्टर्स की अवैध संपत्तियों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट में चल रहा विवाद ध्वस्त की गई इमारत और भूमि को लेकर कोर्ट में वाद विचाराधीन है। सांवराद निवासी दलित सीतादेवी पत्नी धर्मेन्द्र ने दावा किया है कि यह भूमि उनकी खातेदारी में है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है, जो फिलहाल विचाराधीन है। स्थानीय नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने यह कदम हाल ही में हुए कुचामन के रमेश रुलानिया हत्याकांड में अपनी नाकामी और जनाक्रोश से ध्यान भटकाने के लिए उठाया है।
Updated on:
16 Oct 2025 06:19 pm
Published on:
16 Oct 2025 06:17 pm
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