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मुरैना में टायर फैक्ट्रियों में हर समय मजदूरों की मौत पर मडऱाता साया, प्रशासन मौन

जेएमडी ग्रीनटैक टायर फैक्ट्री में हुए हादस पर उठे सुरक्षा पर सवाल, प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी की कार्यशैली पर उठे सवाल, ब्लास्ट के बाद फैक्ट्री पहुंची टीम के सामने ऑपरेटर ने बताया आग लगने का कारण, विदेशों से आ रहे इन फैक्ट्रियों में टायर

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मुरैना. नूराबाद थाना क्षेत्र के जड़ेरुआ और बानमोर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित टायर फैक्ट्रियों में सुरक्षा की अनदेखी के चलते हर समय मजदूरों पर मौत का साया मडऱाता नजर आता है। शहर के कुछ धन्नसेठों ने ये फैक्ट्रियां तो खोल ली हैं लेकिन मजदूरों की मौत से खिलवाड़ कर रहे हैं। 16 अक्टूबर को जेएमडी ग्रीनटैक फैक्ट्री में टायर से तेल निकालते समय आग लगने से तेज धमाके में तीन मजदूर के गंभीर रूप से घायल हो गए। फैक्ट्री ने मामले को छिपाया गया, न तो पुलिस और न प्रशासन को समय पर कोई सूचना दी गई। उसका वीडियो वायरल हुआ और कंपू पुलिस से नूराबाद पुलिस को सूचना मिली तब पता चला और प्रशासन व पुलिस सक्रिय हुआ। सोमवार को तहसीलदार बानामोर वंदना यादव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संभागीय अधिकारी आर आर सेंगर, थाना प्रभारी नूराबाद सौरभ पुरी ने जेएमडी ग्रीनटैक फैक्ट्री पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।


अधिकारियों के सामने बॉयलर के ऑपरेटर ने बताया कि बॉयलर में वह नाइट्रोजन भरकर मजदूरों का काम करते छोड़ कर चला गया था। उसके बाद मजदूरों ने बॉयलर के सारे नट खोल दिए सिर्फ दो नट छोड़ दिए थे, उसके बाद लेवर नाश्ता करने चली गई। जब लौटकर उन्होंने उन दो नटों को खोलकर कार्बन निकालना चाहा तो अचानक बॉयलर में ऑक्सीजन के प्रवेश होने से आग के साथ तेज धमाका हुआ, जिससे मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। अधिकारियों ने जांच में पाया कि हादसे के समय फैक्ट्री में मजदूरों पर सुरक्षा किट नहीं थी और ऑपरेटर व मालिक भी गायब थे। मौके पर बड़ी संख्या हरी लकड़ी भी पड़ी मिली। अधिकारी हर एंगल से जांच कर रहे हैं। जांच का अहम विंदु ये भी हो सकता है कि इन फैक्ट्रियों में टायर विदेश से आ रहे हैं।

फैक्ट्री संचालन की जानकारी ऑपरेटर और मालिक से ज्यादा प्रदूषण अधिकारी को

खास बात यह है कि जांच करने पहुंची तहसीलदार को फैक्ट्री में तेल और कार्बन कैसे निकाला जाता है, उसका कहां स्टॉक होता है, उसकी ठीक से जानकारी न तो ऑपरेटर और न मालिक दे सका बल्कि मौके पर प्रदूषण नियत्रंण बोड के अधिकारी ने बताया कि किस तरह मशीन को ऑपरेट करते हैं कि तेल और कार्बन कहां स्टॉक होता है। मशीन के ऑपरेट और उसके फंक्शन के बारे में ऑपरेटर व मालिक से ज्यादा प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी को होना काफी चर्चा में हैं।

कार्रवाई के नाम पर होती है औपचारिकताएं

किसानों के विरोध के चलते मार्च 2025 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग्वालियर ने छापामार कार्रवाई की और कई फैक्ट्रियों को सील भी किया था। कुछ को नोटिस भी दिया था। लेकिन बाद में वह फैक्ट्रियां फिर खोल दी गई और उनका फिर से संचालन हो रहा है। फैक्ट्रियों पर कार्रवाई को लेकर क्षेत्र के किसानों में प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के प्रति खासी नाराजगी है।

छह साल पूर्व हो चुकी है तीन मजदूरों की मौत

बानमोर की एक टायर फैक्ट्री में छह साल पूर्व आग लगी थी। बॉयलर में प्लास्ट होने पर पांच मजदूर चपेट में आए थे। जिनमें से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी और दो घायल हुए थे। मजदूर उप्र के रहने वाले थे, इसलिए मालिक ने सेटिंग कर मामला रफे-दफे कर दिया था। इसलिए फैक्ट्री मालिक ज्यादातर बाहर के मजदूरों को ही काम पर रखते हैं। इस बार जो हादसा हुआ, उसमें भी उत्तरप्रदेश के मजूदर घायल हुए हैं।

हॉटमिक्स प्लांट में काम आता है बायोफ्यूल

फैक्ट्रियों में पुराने टायर जलाकर उनसे निकलने वाला बॉयोफ्यूल (तेल) हॉटमिक्स प्लांट (डामर गिट्टी मिलाने वाली मशीन) एवं ब्रेड पकाने वाली भट्टियों में जलाने के काम आता है। 100 किलो वजन के टायर में 40 किलो तेल निकलता है। जो बाजार में करीब 40 से 43 रुपए किलो के हिसाब से बिकता है। इससे निकलने वाला काबर्न यूपी में भट्टों पर ईंट पकाने लकड़ी की जगह जलाने के काम आता है।

पूर्व में ये हो चुके हैं हादसे

19 सितंबर 2018 को नूराबाद थाना क्षेत्र के जड़ेरुआ में एक बायो फ्यूल फैक्ट्री में आग लगने से लाखों की क्षति हुई थी।
21 सितंबर 2020 को बानमोर क्षेत्र के औद्योगिक एरिया में स्थित ग्लोबल बायो फ्यूल फैक्ट्री में लगी आग को बुझाने बुलानी पड़ी थीं मुरैना, ग्वालियर व भिंड की दमकल गाडिय़ां।
11 जून 2021 को नूराबाद थाना क्षेत्र के जड़ेरुआ में स्थित आर बी ग्रीनटैक बायो फ्यूल फैक्ट्री में लगी थी आग।
01 अक्टूबर 2023 को नूराबाद थाना क्षेत्र के जड़ेरुआ में स्थित बिनायक बायो फ्यूल फैक्ट्री में लगी थी आग।
13 जनवरी 2024 को नूराबाद थाना क्षेत्र के जड़ेरुआ में अंजली बायो फ्यूल फैक्ट्री में लगी थी आग।
16 अक्टूबर 2025 को नूराबाद थाना क्षेत्र के जड़ेरुआ में जेएमडी ग्रीनटैक फैक्ट्री में आग लगने से तीन मजदूर झुलसे।

लेवर दो नट पर बॉयलर को छोडकऱ नाश्ता करने चली गई। जब लौटकर आई तो उन्होंने कार्बन को निकालने के लिए ढक्कन खोला तो उसमें ऑक्सीजन प्रवेश कर चुकी थी, इसलिए अचानक आग लगने के साथ विस्फोट हो गया और तीन मजदूर झुलस गए।

मुकेश कुमार, ऑपरेटर

  • हमारे यहां टायर से तेल निकालने का काम होता है। ठेकेदार तो ट्रेंड ही है, हमारे पास सुरक्षा किट भी है लेकिन मजदूरों ने क्यों नहीं पहनी, इसका मैं पता कर रहा हूं, घटना के समय मैं मौके पर नहीं था।

रामकुमार गर्ग, संचालक, जेएमडी ग्रीनटैक फैक्ट्री

फैक्ट्री के बॉयलर मे आग लगने एवं विस्फोट जैसी स्थिति निर्मित होने से तीन मजदूर गंभीर रूप से जल गए हैं। यहां लेवर एक्ट, सैफ्टी को लेकर विस्तार से जांच कर रहे हैं, जो भी अनियमितताएं पाई जाएगी, सख्त कार्रवाई की जाएगी। टायर कहां से आते हैं, यह भी जांच का विंदु रहेगा।

वंदना यादव, तहसीलदार, बानमोर