स्लीपर कोच में जनरल टिकट धारक महिलाओं ने टीटीई को घेर कर की मारपीट, रेलवे ने दर्ज की FIR (फोटो सोर्स : X )
Charbagh Station Women Attack TTE: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर गुरुवार रात एक बड़ा विवाद देखने को मिला, जब दून एक्सप्रेस में जनरल टिकट लेकर स्लीपर कोच में बैठी कुछ महिलाओं ने टीटीई दिवाकर मिश्र पर हमला बोल दिया। महिलाओं ने टीटीई को गाली-गलौज करते हुए शर्ट फाड़ दी और उनके मुंह पर चाय फेंकी। ट्रेन में सीट को लेकर शुरू हुए इस विवाद ने यात्रियों में हड़कंप मचा दिया।
रेलवे प्रशासन के अनुसार, विवाद की शुरुआत तब हुई जब ट्रेन की स्लीपर बोगी एस-3 में टीटीई टिकट चेक कर रहे थे। इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर एक यात्री ने शिकायत की कि कुछ लोग बिना टिकट सीट पर बैठे हैं। सूचना मिलने पर टीटीई दिवाकर मिश्र मौके पर पहुंचे और महिलाओं से सीट खाली कराने का अनुरोध किया। मैंने केवल नियम का पालन कराने की कोशिश की थी, लेकिन महिलाओं ने अचानक गाली गलौज शुरू कर दी और मेरी शर्ट फाड़ दी। उन्होंने मुझे पीटा और मुंह पर चाय भी फेंकी। इस दौरान मेरी सोने की चेन भी टूट गई,” टीटीई दिवाकर मिश्र ने बताया।
टीटीई के अनुसार, महिलाओं ने पहले केवल गाली-गलौज की, लेकिन जब उन्हें सीट खाली कराने के लिए कहा गया तो उन्होंने हिंसक रवैया अपना लिया। ट्रेन में मौजूद अन्य यात्री इस दौरान हैरान रह गए। हंगामे को देखते हुए रेलवे ने महिलाओं को बाराबंकी स्टेशन पर उतार दिया, लेकिन वे दोबारा जबरन उसी बोगी में सवार हो गईं। इसके बाद चारबाग स्टेशन पर रेलवे प्रशासन ने महिलाओं को नीचे उतारकर स्थिति को नियंत्रित किया। रेलवे ने इस मामले में जीआरपी में तहरीर दी है और महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। यह घटना रेलवे नियमों का उल्लंघन करने और TTE पर हमला करने की गंभीर घटनाओं में शामिल है। सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी,” रेलवे सूत्रों ने बताया।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि महिलाओं ने जनरल टिकट लेकर स्लीपर कोच में बैठने की कोशिश की थी, जो कि रेलवे नियमों के खिलाफ है। स्लीपर कोच में केवल स्लीपर या आरक्षित टिकट धारक ही बैठ सकते हैं। रेलवे में इस तरह की घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा और नियमों के पालन के लिए खतरा पैदा करती हैं। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी,” रेलवे प्रवक्ता ने कहा।
विशेषज्ञों के अनुसार रेलवे कर्मचारियों पर हमले केवल नियम पालन कराने वाले अधिकारियों को डराने का एक तरीका बनता जा रहा है। ऐसे मामले न केवल रेलवे कर्मियों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं, बल्कि अन्य यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को भी प्रभावित करते हैं।
घटना के समय ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने बताया कि महिलाएं बिना कारण और हिंसक रवैया अपनाते हुए टीटीई पर हमला कर रही थीं। कई यात्री हिंसा से डरे हुए थे और किसी ने घटना को रोकने की कोशिश की।टीटीई दिवाकर मिश्र ने बताया कि मैं बस नियम पालन करवा रहा था। मैंने किसी से विवाद नहीं किया, लेकिन महिलाओं का आक्रामक रवैया असहनीय था। मेरी सुरक्षा खतरे में थी। रेलवे अधिकारियों ने भी कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी और कर्मचारी या यात्री को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
घटना के बाद कुछ यात्रियों ने इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया। वीडियो और फोटो वायरल हो गए, जिसमें महिलाओं का हिंसक व्यवहार और टीटीई से भिड़ंत दिख रही है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने टीटीई दिवाकर मिश्र की साहसिक कार्रवाई की सराहना की, जबकि कुछ ने महिलाओं के आक्रामक रवैये की आलोचना की। ट्रेन में नियम तोड़कर बैठे और जब उन्हें हटाया गया तो हमला कर दिया। यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। रेलवे कर्मचारियों का सम्मान होना चाहिए,” एक यूजर ने लिखा।
Published on:
17 Oct 2025 10:34 am
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